कौन हैं रानिल विक्रमसिंघे? उनके पीएम बनने से कैसे होंगे भारत-श्रीलंका के संबंध

पूर्व पीएम रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickramasinghe) गुरुवार को श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. विक्रमसिंघे स्थानीय समयानुसार शाम छह बजे राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के समक्ष शपथ लेंगे. जानिए रानिल विक्रमसिंघे कौन हैं और उनके आने से भारत के साथ संबंधों पर क्या असर पड़ेगा?

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 12, 2022, 04:08 PM IST
  • श्रीलंका में जारी है आर्थिक व राजनीतिक संकट
  • प्रदर्शनकारी कर रहे राष्ट्रपति के इस्तीफे की मां
कौन हैं रानिल विक्रमसिंघे? उनके पीएम बनने से कैसे होंगे भारत-श्रीलंका के संबंध

नई दिल्लीः मौजूदा राजनीतिक गतिरोध के बीच पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickramasinghe) गुरुवार को श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. विक्रमसिंघे स्थानीय समयानुसार शाम छह बजे राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के समक्ष शपथ लेंगे. जानिए रानिल विक्रमसिंघे कौन हैं और उनके आने से भारत के साथ संबंधों पर क्या असर पड़ेगा?

दरअसल, पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे के बाद खाली हुए पद को रानिल विक्रमसिंघे रिकॉर्ड छठी बार संभालेंगे. महिंदा ने हिंसक झड़पों के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

कौन हैं रानिल विक्रमसिंघे?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रानिल विक्रमसिंघे साल 2020 में महिंदा राजपक्षे के पीएम बनने से पहले इस पद पर आसीन थे. रानिल 70 के दशक में राजनीति में आए थे. उन्होंने वकालत की पढ़ाई की है. वह पहली बार 1977 में सांसद बने थे. 1993 में पहली बार पीएम बने. 

इससे पहले वह कई मंत्रालयों के प्रमुख रहे और 1994 से यूनाइटेड नेशनल पार्टी के प्रमुख रहे. हालांकि, रानिल अलग पार्टी में हैं, लेकिन उनको राजपक्षे परिवार का करीबी माना जाता है.

भारत के साथ रिश्ते मजबूत होने की उम्मीद
बताया जाता है कि रानिल विक्रमसिंघे चीन समर्थक महिंदा राजपक्षे के मुकाबले भारत के ज्‍यादा नजदीक रहे हैं. उनके एक बार फिर पीएम बनने से भारत के साथ रिश्‍ते और ज्‍यादा मजबूत होने की उम्मीद है.

राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी
बता दें कि भोजन, ईंधन, दवा, रसोई गैस और घंटों बिजली कटौती सहित आवश्यक चीजों की कमी से जुड़े गंभीर वित्तीय संकट के बीच प्रदर्शनकारी राजपक्षे सरकार और राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

बुधवार रात को, राष्ट्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति गोटाबाया ने घोषणा की कि उनके भाई महिंदा और उनकी सरकार द्वारा खाली किए गए पदों को जल्द भरा जाएगा.

संसद को अधिक शक्तियां देंगेः गोटबाया
गोटाबाया ने यह भी कहा कि वह कार्यकारी अध्यक्ष की 19वीं संशोधन की शक्तियों को फिर से शुरू करने पर काम करेंगे, जो उन्हें स्वयं प्राप्त है और संसद को अधिक शक्तियां प्रदान करेंगे.

उन्होंने राष्ट्रपति प्रणाली को समाप्त करने पर भी सहमति व्यक्त की. राजपक्षे ने कहा कि नई सरकार एक ऐसे प्रधानमंत्री द्वारा चलाई जाएगी जो संसद में बहुमत हासिल कर सके.

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