नई दिल्ली. ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने साफ कर दिया है कि यूनाइटेड किंगडम और चीन के बीच बेहतर रिश्तों के स्वर्णिम दौर का अंत हो चुका है. उन्होंने कहा कि चीन ने यूके के 'मूल्यों और हितों' के सामने लगातार चुनौती पेश की है. विदेश नीति पर अपनी पहली बड़ी स्पीच में ही ऋषि सुनक ने साफ कर दिया है कि चीन के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार कर सकते हैं.
चीन को लेकर क्या बोले ऋषि सुनक
उन्होंने कहा- चीन को लेकर हमें अपने दृष्टिकोण को और परिपक्व बनाना होगा. हम महसूस कर रहे हैं कि चीन हमारे मूल्यों और हितों के खिलाफ सतत चुनौती पेश कर रहा है. एक चुनौती जो तब ज्यादा बढ़ती जा रही है जब चीन तानाशाही की तरफ बढ़ रहा है. हम वैश्विक मुद्दों से लेकर आर्थिक स्थितरा और क्लाइमेट चेंज जैसी बातों पर चीन के प्रभाव को अनदेखा नहीं कर सकते. अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जापान और कई अन्य देश भी इस बात को समझते हैं. तो एक साथ मिलकर हम इस तेज होते कॉम्पटिशन का सामना कर सकते हैं.
चुनाव प्रचार के दौरान बताया था 'खतरा नंबर 1'
हालांकि पहले बड़े भाषण में भले ही सुनक चीन के खिलाफ सख्त दिखे हों लेकिन उनका अप्रोच चुनाव प्रचार के दौरान किए दावों से हल्का दिख रहा है. चुनाव प्रचार के दौरान सुनक ने चीन को ब्रिटेन के लिए 'खतरा नंबर 1' करार दिया था.
बीबीसी पत्रकार की गिरफ्तारी पर तल्ख होते संबंध
सुनक का यह बयान उस वक्त आया है जब दोनों देशों के बीच एक पत्रकार के साथ रवैये को लेकर खराब होते जा रहे हैं. बीबीसी के पत्रकार एड लॉरेंस को शंघाई में लॉकडाउन प्रोटेस्ट के दौरान हिरासत में ले लिया गया था. लॉरेंस को पुलिस की हिरासत में कई घंटों तक रखा गया था. बीबीसी का कहना है कि लॉरेंस को चीनी पुलिस ने पीटा.
सुनक ने कहा-मीडिया की स्वतंत्रता जरूरी
अब सुनक ने जोर देकर कहा है कि मीडिया को ऐसे मुद्दे को बिना डरे कवर करने की छूट होनी चाहिए. उन्होंने जिनजियांग में चीनी सरकार की ज्यादती और हांगकांग का भी जिक्र किया.
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