रूस और चीन घुसे हुए हैं अमेरिकी चुनाव में, कहा जो बाइडेन ने

अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ में डोनाल्ड ट्रम्प को टक्कर दे रहे जो बाइडेन के इस आरोप में जितना सच और झूठ है, उतनी ही प्राचीनता और तथ्यात्मकता भी है..   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 19, 2020, 10:03 PM IST
    • बाइडेन का रूप - रूस और चीन का हस्तक्षेप है अमेरिकी चुनावों में
    • ''ख़ुफ़िया सूचना मिली है''
    • निधि एकत्रण कार्यक्रम में लगाया आरोप
    • व्हाइट हाउस ने नहीं दी प्रतिक्रिया
 रूस और चीन घुसे हुए हैं अमेरिकी चुनाव में, कहा जो बाइडेन ने

नई दिल्ली. आरोप की सच्चाई में कोई शक नहीं है और इस आरोप में बहुत दम भी नहीं है. दूसरे शब्दों में कहें तो इससे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है क्योंकि सबको पता है कि हर देश के सर्वोच्च चुनावों में विदेशी हित और उससे जुड़े हुए तत्व हमेशा किसी न किसी रूप में और किसी न किसी मात्रा में रहते हैं.

 

''ख़ुफ़िया सूचना मिली है''

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के संभावित उम्मीदवार जो बाइडेन का कहना है कि उनको कुछ इस तरह की खुफिया जानकारी प्राप्त हुई  है कि अमेरिका के इस वर्ष नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में रूस, चीन की दखलंदाजी है. उन्होंने यहीं पर बस नहीं किया, जो बाइडेन ने कहा कि कुछ और देशों का हस्तक्षेप भी इस चुनावों में छिपी तौर पर संलग्न है.

निधि एकत्रण कार्यक्रम में लगाया आरोप 

जो बाइडेन ने अपरोक्ष रूप से डोनाल्ड ट्रम्प पर यह आरोप लगाया है कि वे विदेशी हितों के एजेंट बन कर अमेरिकी राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ रहे हैं. बाइडेन ने कहा कि ये जानकारी मुझे दूसरी बार मिली है कि अमेरिका के शत्रु देश इन चुनावों में अपने हस्तक्षेप की यथासम्भव कोशिश कर रहे हैं. हाल ही में बाइडेन ने निधि इकट्ठा करने हेतु आयोजित एक डिजिटल कार्यक्रम में यह बात कही किन्तु वे इस बात के समर्थन में कोई भी साक्ष्य प्रस्तुत न कर सके. 

व्हाइट हाउस ने नहीं दी प्रतिक्रिया

डोनाल्ड ट्रम्प पिछले कुछ सालों में राजनीति के आधारभूत हथकंडे सीख गए हैं. निराधार आरोपों पर वे भी अब प्रतिक्रिया नहीं देते. इसलिए व्हाइट हाउस और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने बाइडेन के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. यद्यपि बाइडेन का एक और आरोप सामने आया है कि हो सकता है डोनाल्ड ट्रम्प डाक विभाग का वित्त पोषण रोकने की कोशिश करें ताकि मतपत्रों के माध्यम से चुनाव न करा सकें.

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