नई दिल्ली. भारत में कोरोना के मामले आसमान छू रहे हैं. देश में बारह लाख कुल संक्रमण के मामलों के बीच अब एक दिन में पैंतालीस हज़ार संक्रमण के मामलों का सामने आना क्या ज़ाहिर करता है. क्या हालात बेकाबू हो रहे हैं. ऐसे में सामने आई एक रिसर्च की रिपोर्ट कमज़ोर दिल वालों के दिल की धड़कनें बढ़ा सकती है.
दक्षिण कोरिया से आई है रिपोर्ट
यह रिसर्च दक्षिण कोरिया में हुई है. दक्षिण कोरिया में हुई इस रिसर्च को हल्के में नहीं लिया जा सकता. तकनीक के लिए दुनिया में जाने जाने वाले इस देश में कयास नहीं लगाए जाते न ये लोग किसी तरह की गलतफहमी का शिकार होना पसंद करते हैं. इस देश से इस रिपोर्ट ने बताया है बाहर से ज्यादा लोग घर के भीतर सक्रमण के शिकार होते जा रहे हैं.
अमेरिका में हुआ प्रकाशित शोध
दक्षिण कोरिया का यह चौंकाने वाला शोध अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन में हाल ही में प्रकाशित हुआ है. इस शोध में साढ़े पांच हज़ार लोगों को शामिल किया गया था. ये सभी कोरोना पॉज़िटिव थे और इसी शोध में उनसठ हज़ार ऐसे लोग भी शामिल किये गए जो इन लोगों के सम्पर्क में आये थे.
दो समूह अधिक हुए संक्रमित
शोध से पता चला है कि बुजुर्ग और किशोरों में संक्रमण अधिक देखा गया है. इसकी वजह ये है कि घर में रहने वालों में बुजुर्ग और किशोरों की संख्या ही ज्याद है. इस शोध से पता चला कि सौ लोगों में से सिर्फ दो लोग घर के बाहर संक्रमित हुए जबकि दस लोग घर के भीतर संक्रमण का शिकार बने. शोध आगे यह भी बताता है कि घर के बाहर कोरोना से सुरक्षा की संभावना अधिक बढ़ रही है और घर में यह सुरक्षा कम होती जा रही है.
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