नई दिल्ली. सवाल ये है कि टिक टोक अगर चीन से भाग भी लेगी तो क्या फर्क पड़ जायेगा. सब जानते हैं कि टिक टोक चीनी ऐप है. जब तक इस पर चीनी कंपनी होने का दाग लगा रहेगा तब तक दुनिया में इसकी स्वीकार्यता आसान नहीं है. इसलिये इस कंपनी का चीन से भाग कर बाहर अपना बेस बनाना भी बहुत फायदेमन्द साबित नहीं होने वाला है.
टिक टोक को दुनिया कर रही है बैन
अब तक टिक टोक एक लोकप्रिय ऐप था किन्तु सारी दुनिया में चीन की खलनायक छवि ने टिक टोक और तमाम अन्य चीनी कंपनियों के लिये मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. सवाल ये है कि चीन है कि मानता नहीं, चीन अपनी बदमाशी करने से लगातार बाज नहीं आ रहा है और बदले में चीनी कंपनियों को उसका भरपाई करनी पड़ रही है.
एक अरब डॉलर्स की है कंपनी
टिक टोक न केवल अत्यंत लोकप्रिय ऐप के रूप में जाना जाता रहा है बल्कि यह एक बहुत कमाऊ ऐप भी साबित हुआ है. टिक टोक की मूल कंपनी बाइटडान्स एक अरब डॉलर की संपदा वाली कंपनी है. अब जब दुनिया में चीन और चीनी सामान नापसंद किये जा रहे हैं तो टिक टोक और बाइटडान्स को अपने डान्स के लिये जगह ढूंढनी पड़ी रही है.
ये शुरुआत की थी भारत ने
59 चीनी ऐप्स को भारत से बाहर का रास्ता दिखा कर भारत ने चीनी ऐप्स के बहिष्कार की शुरुआत की थी जिसको तुरंत कई पश्चिमी देशों द्वारा अनुकरण किया गया. अब अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो का भी बयान आ गया है और अमेरिका में भी टिक टोक को बारह पत्थर बाहर किया जाने वाला है.
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