नई दिल्ली. ये जानकारी अमेरिका के दो पूर्व स्वास्थ्य अधिकारियों ने दी और उन्होंने बताया कि अमेरिकन उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने सीडीसी को निर्देश दिया था कि वह अपनी आपात शक्तियों का इस्तेमाल करके अमेरिकी सीमाओं को प्रभावी रूप से बंद करें. वहीं दूसरी तरफ अमेरिका की इस रोग नियंत्रण संबंधी शीर्ष एजेंसी (सीडीसी) के वैज्ञानिकों ने कहा कि कोई प्रामाणिक आधार नहीं है कि इस तरह के कदम उठा कर कोरोना वॉयरस का प्रकोप कम किया जा सके.
डेढ़ लाख लोगों को किया वापस
अमेरिका की सीमाओं को बंद करने के पेन्स के इस फैसले के बाद शरण पाना चाह रहे बच्चों समेत करीब डेढ़ लाख लोगों को उनके देश लौटाया जा चुका है. उपरोक्त दोनों स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार इस तरह के निर्णय लेने वाले रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के एक प्रमुख चिकित्सक ने ट्रंप प्रशासन से कहा था कि ऐसे आदेश जारी करने का कोई वैध कारण नहीं है और साथ ही इस चिकित्स्क ने इस तरह के आदेशों का पालन करने से इनकार भी कर दिया था.
हजारों लोग एवं प्रवासी हुए प्रभावित
दोनों पूर्व अधिकारियों ने जानकारी दी कि उपराष्ट्रपति पेंस ने इस साल की शुरुआत में इस मामले में विचार करना शुरू किया और सीडीसी के निदेशक डॉ. रॉबर्ट रेडफिल्ड को निर्देश दिया कि इस मामले में एजेंसी के विशेष कानूनी अधिकार को उपयोग में लाया जाए. अमेरिका की मेक्सिको तथा कनाडा से लगने वाली सीमाएं सीडीसी के आदेश के दायरे में आती हैं परन्तु इस आदेश के बाद अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर पहुंच रहे हजारों शरणार्थी और प्रवासी लोग प्रभावित हुए.
'स्टीफन मिलर का विचार था ये'
पेंस की पूर्व शीर्ष सहायक ओलिविया ट्रॉये ने बयान दिया कि मूल रूप से यह राष्ट्रपति ट्रंप के शीर्ष सहायक स्टीफन मिलर का विचार था. सब जानते हैं कि स्टीफन मिलर प्रवासियों के कड़े विरोधी हैं और उन्होंने ही इस निर्वासन के आदेश को जिद करके मनवाया है.
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