नई दिल्ली: कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) में गोमा शहर के बाहरी इलाके में स्थित न्यारागोंगो ज्वालामुखी के फटने से कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई.
भूकंपीय गतिविधियों से बढ़ सकती हैं मुश्किलें
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार के प्रवक्ता पैट्रिक मुयाया ने कहा कि 22 मई को हुए विस्फोट के बाद भागते समय 15 लोगों की मौत हो गई.
प्रवक्ता ने कहा कि ट्रक पलटने की दुर्घटना में नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि चार अन्य कैदी गोमा में मुंजेंजे केंद्रीय जेल को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे.
उन्होंने बताया कि रविवार की सुबह दो और लोगों की जलकर मौत हो गई.
डीआरसी अधिकारियों ने अभी तक विस्फोट से हुई क्षति का आकलन नहीं किया है.
मुयाया ने अभी निवासियों से गैर-जरूरी गतिविधियों से बचने का अनुरोध किया, जबकि क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधि अभी नुकसान पहुंचा सकती है.
स्थिति की बारीकी से निगरानी करने के लिए क्रेटर पर विस्फोट के बाद डीआरसी में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के हेलीकॉप्टरों ने लगातार उड़ानें भरीं.
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शहर में ठप हुई बिजली की आपूर्ति
स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक रविवार सुबह करीब चार बजे लावा का बहाव रुक गया, जबकि स्थानीय निवासी रात भर अपने घरों को लौटने रहे.
लगभग 3,000 लोग गोमा से पड़ोसी रवांडा के लिए भाग गए, जबकि अन्य शहर के आसपास के गांवों की ओर चले गए, जिसमें सेक भी शामिल था.
ज्वालामुखी के फटने के ठीक बाद, लगभग 2 मिलियन की आबादी वाले गोमा के ऊपर का आकाश नारंगी रंग की लपटों से जगमगा उठा.
शहर के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई.
गोमा दो सक्रिय ज्वालामुखियों का घर है - न्यामुलगिरा और न्यारागोंगो.
पिछली बार 2002 में एक बड़ा न्यारागोंगो विस्फोट हुआ था, जब लगभग 250 लोग मारे गए थे और 120,000 अन्य बेघर हो गए थे.
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