Bangladesh: कौन है नाहिद इस्लाम, जिसकी 'रणनीति' के आगे शेख हसीना की 'राजनीति' हुई फेल?

 Bangladesh Protest: बांग्लादेश में हिंसा भड़कने के बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने देश भी छोड़ दिया है. प्रदर्शनकारी छात्र हसीना से इस्तीफे की मांग कर रहे थे, इनका नेतृत्व नाहिद इस्लाम ने किया.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 5, 2024, 04:02 PM IST
  • स्टूडेंट प्रोटेस्ट का चेहरा नाहिद
  • आंदोलन की रणनीति तैयार की
Bangladesh: कौन है नाहिद इस्लाम, जिसकी 'रणनीति' के आगे शेख हसीना की 'राजनीति' हुई फेल?

नई दिल्ली: Bangladesh Protest: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश छोड़ दिया है. PM पद से भी इस्तीफा देने की सूचना सामने आई है. बांग्लादेश के आर्मी चीफ ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि वे जल्द ही सर्वदलीय बैठक बुलाएंगे. इसमें नई सरकार को लेकर कोई बड़ा फैसला किया जा सकता है. इसी बीच एक लड़का खूब चर्चा में है, जिसका नाम नाहिद इस्लाम है. इसी लड़के ने स्टूडेंट प्रोटेस्ट की रणनीति बनाई, उसका नेतृत्व किया. नाहिद की रणनीति के सामने शेख हसीना की राजनीति फेल हो गई.

कौन है नाहिद इस्लाम? (Who is Nahid Islam)
नाहिद इस्लाम ढाका यूनिवर्सिटी में समाजशास्त्र का छात्र है. वह ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट भी है. आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन का नेतृत्व नाहिद इस्लाम ही कर रहा है. उसने पुलिस पर आरोप लगाया था कि 20 जुलाई की सुबह उसे हिरासत में लिया था. वह 24 घंटे तक गायब रहा था. लेकिन बाद में वह एक पुल के नीचे बेहोशी की हालत में मिला. उसने दावा किया कि बेहोश नहीं होने तक उसे पीटा गया. इससे पहले नाहिद के साथी आसिफ महमूद और अबू बकर को भी पुलिस उठा ले गई थी. उन्होंने भी पीटा गया. 6 दिन बाद आंख पर पट्टी बांधकर उन्हें दूर के एक इलाके में छोड़ दिया गया.

नाहिद ने शेख हसीना को क्या कहा?
नाहिद इस्लाम ने रविवार को एक भाषण दिया, जो खूब चर्चा में रहा. उसने अवामी लीग के कार्यकर्ताओं और नेताओं को को आतंकवादी बताया. दावा किया कि इन्हें सड़कों पर तैनात किया गया है. उसने कहा कि अवामी लीग देश में गृह युद्ध की स्थिति पैदा करना चाहती है. हमारा रास्ता और उद्देश्य स्पष्ट है. केवल जीत ही हमारा लक्ष्य है. नाहिद ने शेख हसीना के लिए कहा था कि आपको यह तय करना होगा कि आप हिंसा और रक्तपात का सहारा लेती हैं या छात्रों की मांग पर इस्तीफा देती हैं.

आरक्षण के मुद्दे पर भड़की थी हिंसा
बता दें कि बांग्लादेश में आरक्षण के मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे थे. इसी साल जून में बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने 'वॉर हीरोज' के परिजनों को 30% कोटा देने का फैसला सुनाया था. इसके बाद छात्र भड़क गए और सड़कों पर उतर आए. छात्रों का हिंसक आंदोलन देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फैसला वापस ले लिया. लेकिन तब तक आंदोलन सत्ता के खिलाफ हो गया था और PM शेख हसीना से इस्तीफे की मांग की जाने लगी. 

ये भी पढ़ें- Bangladesh Protests: बांग्लादेश में तख्तापलट, पीएम शेख हसीना का इस्तीफा, देश भी छोड़ा

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़