वैज्ञानिकों ने बनाया कमाल का बुलबुला, 465 दिन से फूटा ही नहीं, जानिए कैसे बना है ये

बुलबुले के लंबे समय तक टिके रहने का राज 'गैस मार्बल' नामक एक विशेष प्रकार का बुलबुला बनाने में निहित है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 22, 2022, 09:46 AM IST
  • साबुन के बुलबुले से दो लाख गुना समय तक अपने आकार में रहा
  • आम तौर पर केवल कुछ ही मिनटों या सेकेंड बाद बुलबुले फूट जाते हैं
वैज्ञानिकों ने बनाया कमाल का बुलबुला, 465 दिन से फूटा ही नहीं, जानिए कैसे बना है ये

लंदन: ये सबसे शानदार गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में से एक है. लिली विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने दुनिया का सबसे लंबे समय तक चलने वाला बुलबुला बनाया है. इस बुलबुले ने 465 दिनों तक अपना आकार बनाए रखा है. फिर कहीं जाकर यह फूटा है. अब आप समझ सकते हैं कि यह रिकॉर्ड इतना खास क्यों है. आपका पानी या साबुन से बना बुलबुला तो कुछ सेकेंड में ही फट जाता है. 

200,000 गुना अधिक लंबा चला
वैज्ञानिकों के मुताबिक उनका यह बुलबुला नियमित साबुन के बुलबुले की तुलना में 200,000 गुना अधिक लंबे समय तक अपने आकार में रहा है, जो आम तौर पर केवल कुछ ही मिनटों या सेकेंड तक रहता है. 

क्या है बुलबुला न फटने का राज
बुलबुले के लंबे समय तक टिके रहने का राज 'गैस मार्बल' नामक एक विशेष प्रकार का बुलबुला बनाने में निहित है. यह हवादार खोल संरचना होती है, जिसमें कई परत होती है. वहीं सतह पर प्लास्टिक के मनके इसे और मजबूत बनाते हैं. अध्ययन भौतिक विज्ञानी आयमेरिक रॉक्स और उनके सहयोगियों द्वारा फ्रांस में लिली विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया था. 

क्या है ये पूरा प्रयोग
टीम ने अपने पेपर में लिखा, 'साबुन के बुलबुले मूल रूप से नाजुक और अल्पकालिक होते हैं. 'उनकी संरचना और पर्यावरण के आधार पर, गुरुत्वाकर्षण-प्रेरित जल निकासी और/या तरल के वाष्पीकरण से बुलबुला फटना शुरू हो जाता है. उन्होंने कहा, 'लाप्लास ओवरप्रेशर से प्रेरित बाहरी वातावरण में आंतरिक गैस के प्रसार के कारण वे सिकुड़ भी सकते हैं. 

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'हमने इन सभी प्रभावों को बेअसर करने और एक मानक वातावरण में एक वर्ष से अधिक समय तक अपनी अखंडता बनाए रखने में सक्षम एक मिश्रित तरल फिल्म से बने बुलबुले डिजाइन किए हैं.' गैस मार्बल एक असामान्य प्रकार का बुलबुला होता है जो एक तरल घोल से बना होता है जिसमें छोटे प्लास्टिक के मोती होते हैं. ये बुलबुले के खोल पर एक साथ पैक हो जाते हैं, जिससे यह इतना मजबूत हो जाता है कि इसे आपके हाथ में भी रखा जा सकता है या बिना टूटे सतह पर घुमाया जा सकता है. 

सबसे लंबे समय तक चलने वाले बुलबुले को खोजने के अपने प्रयोगों में, टीम ने तीन अलग-अलग प्रकारों की तुलना की - नियमित साबुन के बुलबुले, पानी आधारित गैस मार्बल और पानी और ग्लिसरॉल दोनों के संयोजन से बने बुलबुले. शोधकर्ताओं ने एक तथाकथित 'दानेदार बेड़ा' बनाने के लिए पानी या पानी-ग्लिसरॉल स्नान की सतह पर प्लास्टिक के कणों को फैलाकर गैस मार्बल बनाया. फिर उन्होंने एक बुलबुला बनाने के लिए बेड़े के नीचे हवा को इंजेक्ट किया, जिसे उन्होंने अंततः कण को चारों ओर घुमाया ताकि संगमरमर की सतह को कोट करने के लिए पर्याप्त प्लास्टिक के मोती उठा सकें. अध्ययन के पूर्ण निष्कर्ष फिजिकल रिव्यू फ्लूड्स पत्रिका में प्रकाशित हुए थे. 

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