किसानों को बागवानी के लिए किया जा रहा है प्रेरित, 55 हजार फलों के पौधे तैयार करने का लक्ष्य हुआ तय
Advertisement
Article Detail0/zeephh/zeephh941158

किसानों को बागवानी के लिए किया जा रहा है प्रेरित, 55 हजार फलों के पौधे तैयार करने का लक्ष्य हुआ तय

इस साल इस नर्सरी से किसानों को 30 हजार फलदार पौधे वितरित किए जा रहे हैं. अहम बात यह है कि आने वाले साल में 55 हजार फलों के पौधे तैयार करने का लक्ष्य भी तय किया गया है. 

किसानों को बागवानी के लिए किया जा रहा है प्रेरित, 55 हजार फलों के पौधे तैयार करने का लक्ष्य हुआ तय

दर्शन कैत/कुरुक्षेत्र: राज्य सरकार की तरफ से लाडवा के उप उष्णकटिबंधीय फल केन्द्र (सब-ट्रोपिकल सैंटर) की नर्सरी में आम की 27 किस्मों के साथ-साथ आडू, किन्नू, आलू बुखारा, नाश्पत्ति, जामुन,  अमरूद, पपीता, अनार, हतूत, बब्बूगोसा, ड्रेगन फू्रट की भी अलग-अलग किस्मों के पौधों को तैयार कर किया जा रहा है.

इस साल इस नर्सरी से किसानों को 30 हजार फलदार पौधे वितरित किए जा रहे हैं. अहम बात यह है कि आने वाले साल में 55 हजार फलों के पौधे तैयार करने का लक्ष्य भी तय किया गया है. उप-उष्णकटिबंधीय फल केन्द्र लाडवा के उप-निदेशक डा. बिल्लू यादव ने कहा कि ‘राज्य सरकार की तरफ से पानी बचाने के लिए तथा किसानों को धान की फसल की बजाए बागवानी की तरफ लाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे है.’

किसानों को बागवानी के लिए किया जा रहा प्रेरित

उन्होंने आगे बताया कि ‘इन प्रयासों के चलते सब-ट्रोपिकल सैंटर की तरफ से भी किसानों को धान की फसल लगाने की बजाए बागवानी को अपनाने के प्रति प्रेरित किया जा रहा है. इसलिए इस सैंटर में आम और फल उत्सव जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है.’

ये भी पढ़े: हरियाणा में स्कूल खोलने को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा SOP जारी, कुछ इस तरह होंगी गाइडलाइन

इस सैंटर में अच्छी विराएटी के फलदार पौधे नर्सरी में तैयार किए जा रहे है. इस साल आम की 27 किस्मों के साथ-साथ आडू, किन्नू, आलू बुखारा, नाश्पत्ति, जामुन, अमरूद, पपीता,  अनार, शहतूत, बब्बूगोसा के पौधे को तैयार किया गया है और 30 हजार फलदार पौधे किसानों को वितरित करने के लक्ष्य को पूरा किया जाएगा.’

उन्होंने कहा कि ‘कुरुक्षेत्र के साथ-साथ प्रदेश में बागवानी क्षेत्र को दुगना करने के लिए आने वाले साल  में 55 हजार फलदार पौधों की तैयारी की जाएगी. इन पौधों से लोग बागवानी को अपना सकते है. इस फसल को लगाने से धान की फसल के मुकाबले चौथा हिस्सा पानी का खर्च होता है और बागवानी को ड्रिप इरिगेशन के जरिए किया जा सकता है.’

ये भी पढ़े: मारुति डिजायर उद्योग का हरियाणा से पलायन, प्रदेश सरकार की विफलता का एक और प्रमाण

उन्होंने कहा कि ‘इतना ही नहीं सरकार की तरफ से बागवानी बाग लगाने पर 50 प्रतिशत का अनुदान भी दिया जाता है. यह अनुदान MIDH योजना के तहत दिया जाता है. इस सब-ट्रोपिकल सैंटर में किसानों को बागवानी के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है और हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के किसान लगातार इस सब ट्रोपिकल सैंटर में पहुंचते है. इस समय इस सब-ट्रोपिकल सैंटर के साथ 2 से 3 हजार किसान जुड़े हुए है.’ तो वहीं, केंद्र में पहुंचे किसान रविंद्र ने कहा कि ‘वो अब फसल बदलने के मूड में हैं.  अबकि बार वे एक एकड़ में बागवानी करेंगें.’

Trending news