गुलजार द्वारा निर्देशित इस गहन नाटक में पुरी ने एक हताश व्यक्ति की भूमिका निभाई जो अपने गलत दोस्त के लिए न्याय की तलाश कर रहा था। पीड़ा और हताशा के उनके चित्रण ने गहरी भावनात्मक गहराई से परिभाषित करियर के लिए मंच तैयार किया.
इस हॉलीवुड फिल्म में पुरी ने पैट्रिक स्वेज के साथ हाजरा नामक रिक्शा चालक का किरदार निभाया था. उनके अभिनय ने कोलकाता में जीवन के संघर्षों को दर्शाया, जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा मिली और जटिल भावनाओं को व्यक्त करने की उनकी क्षमता का प्रदर्शन हुआ.
इस दिल को छू लेने वाली फिल्म में पुरी ने एक सहायक गुरु की भूमिका निभाई. उनके अभिनय ने दर्शकों को प्रभावित किया, प्रेम और मानवता के विषयों पर जोर दिया और यह साबित किया कि बाद की भूमिकाओं में भी वे गहरी भावनात्मक प्रतिक्रियाएं पैदा कर सकते हैं.
शेक्सपियर के "मैकबेथ" के इस रूपांतरण में पुरी ने एक भ्रष्ट पुलिसकर्मी की भूमिका निभाई, जिससे महत्वाकांक्षा और विश्वासघात की कहानी में गहराई की एक परत जुड़ गई. सूक्ष्मता के साथ तीव्रता को मिलाने की उनकी क्षमता ने इस प्रदर्शन को उनके बेहतरीन प्रदर्शनों में से एक बना दिया.
इस फ़िल्म में ओम पुरी ने इंस्पेक्टर अनंत वेलंकर की भूमिका में दमदार अभिनय किया, जो भ्रष्टाचार और व्यक्तिगत दुविधाओं से जूझ रहे एक पुलिस अधिकारी हैं. उनके सूक्ष्म चित्रण ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार दिलाया, जिससे सिनेमाई किंवदंती के रूप में उनकी स्थिति मजबूत हुई और कानून प्रवर्तन में नैतिकता की जटिलताओं को उजागर किया गया.
इस फिल्म में ओम पुरी एक बुद्धिमान और विनोदी गांव के बुजुर्ग की भूमिका में हैं, जो हैप्पी सिंह (अक्षय कुमार) को सलाह देते हैं. उनके अभिनय ने फिल्म में गहराई और आकर्षण जोड़ा, जिसमें कॉमेडी को मार्मिक क्षणों के साथ कुशलता से मिलाया गया. पुरी की बहुमुखी प्रतिभा ने उनकी भूमिका को हल्की-फुल्की कहानी का यादगार आकर्षण बना दिया.
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