किसान नेता के तौर पर चर्चा में रहने वाले गुरनाम सिंह चढूनी जल्द ही सियासत में कदम रख सकते हैं. कृषि कानूनों की वापसी के बाद करीब एक साल बाद चढूनी अपने गांव पहुंचे. इस दौरान उनका शानदार स्वागत किया गया.
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नई दिल्ली/सोनू शर्मा: किसान नेता के तौर पर चर्चा में रहने वाले गुरनाम सिंह चढूनी जल्द ही सियासत में कदम रख सकते हैं. कृषि कानूनों की वापसी के बाद करीब एक साल बाद चढूनी अपने गांव पहुंचे. इस दौरान उनका शानदार स्वागत किया गया. गांव पहुंचते ही चढूनी ने सरकारों को निशाने पर लिया कहा कि काले कानून अंग्रेजों के समय से बनते आ रहे हैं और आज की सरकारें भी उसी राह पर चलते हुए बिना सोचे-समझे बेबुनियादी कानून किसानों, मजदूरों और जनता पर थौंप रही हैं.
इसलिए इस तानाशाही जड़ को खत्म करने के लिए राज को बदलना होगा और ऐसे लोगों को राजनीति में आगे लाना होगा जो देश और जनता का भला कर सकें. गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि वे अपनी नई पार्टी बनाएंगे जिसका ऐलान कल चंडीगढ़ में करेंगे.
राजनीतिक पार्टी का हिस्सा रह चुके हैं:-
गुरनाम सिंह चढूनी हालांकि पहले राजनीतिक पार्टी का हिस्सा रह चुके हैं. गुरनाम सिंह चढूनी की पत्नी बलविंदर कौर ने कुरुक्षेत्र से 2014 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के टिकट पर किस्मत आजमाई थी. हालांकि उस चुनाव में उनकी जमानत जब्त हो गई थी. इसके बाद गुरनाम सिंह चढूनी ने राजनीति से दूरी बना ली.
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चढूनी ने की किसान आंदोलन की अगुवाई:-
गुरनाम सिंह चढूनी हरियाणा में किसान आंदोलन की अगुवाई करने वाले सबसे बड़े नेता हैं और उनका हरियाणा के कई जिलों के किसानों पर प्रभाव है. गुरनाम सिंह चढूनी ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा में सबसे पहले विरोध प्रदर्शन शुरू किया था.