Trending Photos
राजेश खत्री/सोनीपत : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के बाद भी किसान अपनी पहले से तय रणनीति में बदलाव को तैयार नहीं हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया था कि आंदोलन का एक साल पूरा होने पर 29 नवंबर से संसद सत्र शुरू होने के साथ दिल्ली कूच का सिलसिला शुरू किया जाएगा.
इसके लिए बाकायदा टिकरी और गाजीपुर मोर्चे से रोजाना 500 किसानों का जत्था भेजे जाने पर भी सहमति बन चुकी थी. किसान अपने इस निर्णय पर अब भी कायम हैं. इसके अलावा भी कई अहम निर्णय रविवार को सिंघू बॉर्डर पर होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में किए जाएंगे.
शनिवार को किसान जत्थेबंदियों की कोर्डिनेशन कमेटी की बैठक आयोजित कर शुक्रवार के घटनाक्रम पर चर्चा हुई और किसान मोर्चा के आगामी कदम के बारे में रूखरेखा तय करने को लेकर माथापच्ची हुई. बैठक से बाहर आने के बाद किसान नेताओं ने दो टूक कहा कि अभी वे आंदोलन वापस लेने पर विचार नहीं कर रहे हैं.
WATCH LIVE TV
गत वर्ष 10 नवंबर को सिंघू बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा ने अहम बैठक की थी, जिसमें निर्णय लिया गया था कि किसान आंदोलन का एक वर्ष पूरा होने पर 24 से 28 नवंबर तक सभी मोर्चों पर किसानों की संख्या बढ़ाई जाएगी. इसके बाद 29 मार्च को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने पर संसद कूच का निर्णय लिया गया था, जिसमें रोजाना 500 किसानों का जत्था ट्रैक्टर ट्रालियों के साथ रोजाना दिल्ली भेजना तय हुआ था, लेकिन इसी बीच शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की अहम मांग को मानते हुए 3 कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी.
संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री की घोषणा का स्वागत तो किया, लेकिन साथ ही यह भी कह दिया कि उनकी दो अहम मांगें अब भी बाकी हैं. कृषि कानून जब तक संसद में सभी औपचारिकताओं के साथ वापस नहीं लिए जाते, तब तक वे आंदोलन वापस नहीं लेंगे. यह संशय बना हुआ था कि प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद किसान संसद कूच करेंगे या नहीं. इसको लेकर कोर्डिनेशन कमेटी की बैठक आज सिंघू बॉर्डर पर हुई, जिसके बाद किसानों ने साफ किया कि उनके पहले से तय कार्यक्रमों में फिलहाल कोई फेरबदल नहीं हो रहा है. वे संसद कूच की तैयारियों में जुटे हैं.
इसके अलावा संयुक्त किसान मोर्चा एक अहम बैठक रविवार को सिंघू बॉर्डर पर करने जा रहा है, जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत, डॉ. दर्शनपाल, बलबीर सिंह राजोआल, गुरनाम चढूनी समेत सभी जत्थेबंदियां भाग लेंगी. इस बैठक से यह भी तय हो जाएगा कि किसान अब अपने आंदोलन को और कितने दिनों तक जारी रखेंगे और शर्तें क्यों होंगी. संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख डॉ. दर्शनपाल ने बताया कि कल की बैठक में प्रधानमंत्री की घोषणा पर चर्चा के अलावा कई अहम मुद्दों पर बातचीत होगी दिल्ली कूच की तैयारियां चल रही हैं. सभी की सहमति बनने पर ही रणनीति तय होगी.
चढूनी बोले, मुकदमें भी वापस लो
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम चढूनी ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार ने 3 कृषि कानून तो वापस लेने की घोषणा तो कर दी है, लेकिन किसानों पर दर्ज मुकदमे भी वापस लिए जाएं. चढूनी ने कहा कि किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों को मुआवजा दिया जाए.
इसके अलावा एमएसपी की गारंटी की मांग भी अभी बाकी है. इन सभी मांगों के पूरा होने पर ही वे आंदोलन को वापस लेंगे. उन्होंने साफ कहा कि कोर्डिनेशन की कमेटी में किसानों ने आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है और पहले से तय कार्यक्रमों में कोई बदलाव नहीं होगा.