पंजाब कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर चले आ रहा सियासी ड्रामा आखिरकार खत्म हो गया है.
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नई दिल्लीः पंजाब कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर चले आ रहा सियासी ड्रामा आखिरकार खत्म हो गया है. पंजाब कांग्रेस ने सभी को हैरान करते हुए चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) के नाम पर मुहर लगा दी है और अब कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) के बाद चन्नी पंजाब के नए मुख्यमंत्री बन चुके हैं. आज सुबह चन्नी ने मुख्यमंत्री की शपथ ली और अब वो पंजाब के पहले दलित सीएम हैं.
4 साल पहले बने थे कैबिनेट मंत्रीः-
पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी कैप्टन की सरकार में शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री थे. इसी के साथ वो चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रहने वाले चन्नी 2015 से लेकर 16 के बीच पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं. बता दें कि चन्नी रामदासिया दलित सिख समुदाय से आते हैं. उन्हें चार साल पहले 16 मार्च, 2017 को कैबिनेट मंत्री बने थे.
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गांधी परिवार से हैं खास संबंधः-
पंजाब के नए मुख्यमंत्री का राहुल गांधी के साथ गांधी के परिवार से भी नजदीकी संबंध रहे हैं. इसलिए नवजोत सिंह सिद्धू, सुखजिंदर सिंह रंधावा, सुनील जाखड़, प्रताप सिंह बाजवा जैसे बड़े नामों के बाद भी चरणजीत सिंह चन्नी का नाम चुना गया. इसी के साथ सीएम का युवा कांग्रेस से भी जुड़े रहे हैं. इसी दौरान वो राहुल गांधी के करीब आए और उनके खास बन गए. वे कई मौकों पर राहुल गांधी के साथ देखे भी गए हैं.
दलितों में है खास पकड़ः-
जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाने के पीछे सबसे बड़ा एक ये भी कारण हैं कि उनकी दलितों में काफी अच्छी पकड़ है, क्योंकि चन्नी खुद रामदासिया सिख समुदाय से आते हैं और अनुसूचित जाति से आने वाले पंजाब के पहले मुख्यमंत्री हैं. पंजाब में करीब 32 फीसदी सिख दलित हैं.
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