Sawan: सावन सोमवार पर ऊना के बनौड़े अर्धनारीश्वर महादेव के करें दर्शन, खंडित शिवलिंग की होती है पूजा
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Sawan: सावन सोमवार पर ऊना के बनौड़े अर्धनारीश्वर महादेव के करें दर्शन, खंडित शिवलिंग की होती है पूजा

Ardhanarishwar Mahadev Mandir: सावन के पहले सोमवार को पांडवों द्वारा निर्मित प्राचीन अर्धनारीश्वर शिव मंदिर बनौड़े महादेव में भक्तों का तांता लगा हुआ. सुबह से भोलेनाथ के जयकारों से मंदिर से गूंज रहा है. यहां एक खंडित शिवलिंग के रूप  भगवान शिव-पार्वती विराजमान हैं.

Sawan: सावन सोमवार पर ऊना के बनौड़े अर्धनारीश्वर महादेव के करें दर्शन, खंडित शिवलिंग की होती है पूजा

Ardhanarishwar Mahadev Mandir in Una: ऊना के बनौड़े महादेव मंदिर में सावन के पहले सोमवार को भक्तों की भीड़ लगी हुई है. लोग शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए सुबह से ही लाइन में लगे हुए हैं. हिमाचल के ऊना में शहर से कई किलोमीटर दूर शिवालिक की पहाड़ियों में स्थित प्राचीन काल का यह एक ऐसा मंदिर है, जहां भगवान शिव-पार्वती एक खंडित शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं . 

कहते हैं इस मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में पांडवों ने करवाया था. ऐसी मान्यता है कि आज जहां पर मंदिर है कभी वहां पर एक राक्षस रहता था , जो देवताओं को काफी परेशान करता था. इस राक्षस को भगवान ब्रम्हा से वर प्राप्त था कि न तो उसे कोई नर मार सकता था  और न ही कोई नारी मार सकती थी. इसी वर के अभिमान में चूर वो राक्षस देवताओं को परेशान करता रहता था. 

तब भगवान शिव ने इस राक्षस के जुल्म से देवताओं को छुटकारा दिलाने के लिए अर्धनारीश्वर का अवतार लिया था और इसी स्थान पर उस राक्षस का वध किया था . जिसके बाद भगवान शिव यहां मां पार्वती के साथ अर्धनारीश्वर के रूप में सदा के लिए खंडित शिवलिंग के रूप में विराजमान हो गए. 

बाद में पांडवों ने यहां पर इस मंदिर का निर्माण किया था. शिवालिक की पहाड़ियों के बीच बने इस मंदिर में कहते हैं, जो भी भक्त सच्चे मन से खंडित शिवलिंग के रूप में भगवान शिव-पार्वती के अर्धनारीश्वर स्वरूप को जलाभिषेक करता है. उसके मन की मुराद जरूर पूरी होती है . ऐसी मान्यता है कि इस स्थान पर आकर बिन मांगे ही भगवान शिव-पार्वती आपकी मनोकामना पूरी करते हैं.

कहते हैं कि इस मंदिर में जो शिवलिंग है वो खंडित स्वरुप में है . देखने पर ये बीच में से कटा हुआ लगता है . ऐसी मान्यता है कि उसके एक भाग में भगवान शिव तो दूसरे भाग में मां पार्वती विराजमान हैं. इस मंदिर में भगवान शिव तो अपने भक्तों को आशीर्वाद देते ही हैं. मां पार्वती भी सुहागिनों को सदा सुहागिन और पुत्रवती का आशीर्वाद देती हैं .

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सावन माह में शिव जी के दर्शन के लिए यहां भक्तों का तांता लगा हुआ है. आज सावन का पहला सोमवार है और मान्यता है कि सावन माह में शिव जी की पूजा करने से आप पर भगवान की कृपा बनती है. यही वजह है कि लोग बेल पत्र और दूध से शिवलिंग का श्रृंगार करके भगवान की पूजा कर अपनी मनोकामना पूरी करते है. श्रद्धालुओं की माने तो इस मंदिर में आने पर उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है. भक्त कई वर्षों से लगातार मंदिर में आ रहे हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं. 

रिपोर्ट- राकेश मालही, ऊना

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