Shimla News: लोकसभा में अपने पहले भाषण में हिमाचल के किसानों के अधिकारों पर प्रियंका गांधी ने उठाए सवाल
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Shimla News: लोकसभा में अपने पहले भाषण में हिमाचल के किसानों के अधिकारों पर प्रियंका गांधी ने उठाए सवाल

Priyanka Gandhi News: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को लोकसभा में अपने पहले भाषण में हिमाचल प्रदेश के किसानों के हित को लेकर बात रखी. पढ़ें..

Shimla News: लोकसभा में अपने पहले भाषण में हिमाचल के किसानों के अधिकारों पर प्रियंका गांधी ने उठाए सवाल

Shimla News: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को लोकसभा में अपने पहले भाषण में हिमाचल प्रदेश के किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों की अनदेखी का मुद्दा प्रमुखता से उठाया. उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उनके कार्यकाल में बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए कानून में बदलाव किए गए, जिससे हिमाचल के छोटे किसानों को नुकसान हुआ. 

प्रियंका गांधी ने अपने भाषण में किसी उद्योगपति का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके बयान को अदानी एग्री फ्रेश के हिमाचल प्रदेश में स्थित फ्रूट कलेक्शन सेंटर और कोल्ड स्टोरेज से जोड़कर देखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों का दुरुपयोग बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया. जबकि इसका सीधा असर छोटे किसानों पर पड़ा. 

प्रियंका गांधी के इस मुद्दे को उठाने के बाद हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने भी इस पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा अदानी द्वारा शिमला जिले में बनाए गए कोल्ड स्टोरेज को 80 से 90 प्रतिशत सरकारी अनुदान पर बनाया गया है. 

इस परियोजना के तहत 30 से 40 प्रतिशत क्षमता स्थानीय किसानों की फसलों को रखने के लिए आरक्षित है, लेकिन दुर्भाग्यवश, किसानों को वह अधिकार नहीं दिया जा रहा.  जब कोई परियोजना सरकारी अनुदान से बनाई जाती है, तो यह आवश्यक है कि इसका लाभ स्थानीय किसानों को मिले. 

चौहान ने इसे हिमाचल के किसानों के साथ अन्याय बताते हुए कहा कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीर है और स्थानीय किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाएगी. हिमाचल प्रदेश, जहां की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा कृषि और बागवानी पर आधारित है. ऐसे मुद्दे छोटे किसानों की आजीविका को प्रभावित कर सकते हैं. कोल्ड स्टोरेज और फ्रूट कलेक्शन सेंटर जैसी परियोजनाएं क्षेत्रीय किसानों के लिए महत्वपूर्ण होती हैं, लेकिन यदि इनका लाभ बड़े उद्योगपतियों तक सीमित रह जाए, तो छोटे उत्पादक पीछे छूट जाते हैं. 

प्रियंका गांधी और नरेश चौहान के इन बयानों ने हिमाचल प्रदेश में किसानों और बड़े उद्योगों के बीच संतुलन को लेकर नई बहस छेड़ दी है. यह देखना बाकी है कि सरकार इस मुद्दे को लेकर क्या कदम उठाती है और किसानों के हितों की रक्षा कैसे की जाती है. 

स्टोरी- संदीप सिंह, शिमला

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