Eco Tourism: हिमाचल प्रदेश अपनी प्राकृति सुंदरता के लिए विश्व मानत्रित पर अगल जगह बनाए हुए है. यहां ऐसे कई स्थान हैं जहां आप दोस्तों, पार्टनर और परिवार के साथ भी जा सकते हैं. इसी को देखते हुए अब प्रदेश में कई कार्य ईको टूरिज्म पॉलिसी के तहत किए जा रहे हैं.
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विपन कुमार/धर्मशाला: जिला मुख्यालय धर्मशाला के पास टंग नरवाणा में धौलाधार बायो डायवर्सिटी पार्क का कार्य बजट के चलते अभाव में लटक गया है. इस पार्क के दो कंपोनेंट थे, एक बिल्ट अप एरिया और दूसरा ग्रीन जोन. एशियन डिवेलपमेंट बैंक (एडीबी) के माध्यम से बिल्ट अप एरिया का कार्य किया जा चुका है, जबकि ग्रीन जोन का कार्य बजट न होने के चलते लटक गया है. प्रदेश सरकार ने जिला कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल बनाने की घोषणा की है. ऐसे में इस साइट के संचालन की जिम्मेदारी हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचटीडीसी) को सौंपी गई है, वहीं शेष कार्यों को ईको टूरिज्म पॉलिसी के तहत अंजाम दिया जाएगा.
क्या है बायो डायवर्सिटी पार्क निर्माण का उद्देश्य?
बायो डायवर्सिटी पार्क निर्माण का उद्देश्य लोगों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाना था. इसके अतिरिक्त एक अच्छा क्षेत्र विकसित करना, जहां बच्चों को पिकनिक मनाने की जगह के साथ पर्यावरण के बारे में जागरुक किया जा सके और पर्यावरण संरक्षण में भागीदारी सुनिश्चित के बारे शिक्षा दी जा सके.
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ईको टूरिज्म पॉलिसी के तहत लोगों को मुहैया करवाई जाएंगी सारी सुविधाएं
बता दें, टंग नरवाणा में बायो डायवर्सिटी पार्क के दो कंपोनेंट में से बिल्ट अप एरिया एडीबी के माध्यम से बनकर तैयार हो चुका है, दूसरा इसमें ग्रीन जोन प्रस्तावित था, जिसके लिए बजट प्रावधान न होने से काम नहीं हो पाया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा निर्देशानुसार जल्द ही इस साइट को हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचटीडीसी) के माध्यम से संचालित किया जाएगा, जिसमें ईको टूरिज्म पॉलिसी के तहत लोगों के लिए सारी सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी.
क्या है 'इको टूरिज्म'
बता दें, प्रकृति और ईको फ्रेंडली यात्रा को इको ट्रेवल कहा जाता है. इको टूरिज्म में प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में मदद मिलती है. खास बात यह है कि इससे अर्थव्यवस्था भी बेहतर होती है.
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