CM Sukhu: हिमाचल प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को सीएम सुक्खू सरकार ने दिवाली से पहले बड़ा तोहफा दिया है. सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को महंगाई भत्ते की 4% की किस्त प्रदान की जाएगी. इस खबर में पढ़ें पूरी खबर..
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Shimla News: हिमाचल प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को सीएम सुक्खू सरकार ने दिवाली से पहले बड़ा तोहफा दिया है. सीएम सुक्खू ने शिमला में पत्रकार वार्ता कर कर्मचारियों को 1 जनवरी 2023 से देय 4 फीसदी की डीए की किस्त जारी करने का ऐलान किया है. साथ ही सभी लंबित मेडिकल बिल जारी करने की भी बात कही है.
हमारी सरकार 75 वर्ष से अधिक आयु के सभी पेंशनर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए, उनके सभी बकाया एरियर का भुगतान करेगी। इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को महंगाई भत्ते की 4% की किस्त भी प्रदान की जाएगी।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को इस वित्तीय वर्ष में वेतन एरियर की… pic.twitter.com/50d9Fbwxwj
— Sukhvinder Singh Sukhu (SukhuSukhvinder) October 11, 2024
वहीं OPS के दायरे से बाहर एनपीएस कर्मचारियों और अधिकारियों के देय डीए के भुगतान की भी सीएम ने घोषणा की है, जिससे एनपीएस के तहत 1300 कर्मियों को लाभ मिलेगा. इससे सरकारी खजाने पर लगभग 600 करोड़ का भार पड़ेगा.
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मुख्यमंत्री ने अक्तूबर महीने की वेतन व पेंशन चार दिन पहले 28 तारीख को ही देने की घोषणा की है, जिसका भुगतान 1 नवंबर और 9 नवम्बर को होना था. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ट्रेजरी ओवर ड्राफ्ट नही हुईं है. मीडिया में गलत खबरे चली है, वित्तीय अनुशासन के लिए सरकार ने पिछले महीने कुछ आर्थिक बदलाव किए थे.
हमारे कर्मचारी प्रदेश के विकास की रीढ़ हैं। उनके हितों को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार निरंतर प्रभावी और न्यायसंगत निर्णय ले रही है।
पेंशनरों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए 10 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है और उनके सभी लम्बित चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिलों के निपटान के… pic.twitter.com/VcD5FtGZuP
— Sukhvinder Singh Sukhu (SukhuSukhvinder) October 11, 2024
हिमाचल प्रदेश में किसी भी तरह का आर्थिक संकट नहीं है, बल्कि वित्तीय स्थिति पहले से बेहतर हो रही है. विपक्ष बेवजह कांग्रेस सरकार की छवि खराब करने में लगा हुआ है. जबकि भाजपा ने चुनावों से पहले मुफ़्त की रेवड़ियां बांटकर सरकारी खजाने में चपत लगाई, जिससे 5 हजार करोड़ रुपए के क़रीब का बोझ सरकारी खजाने पर पड़ा.
स्टोरी बाई- संदीप सिंह, शिमला