Himachal Pradesh में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने पहुंचे डारेक्टर जनरल ऑफ माइनिंग सेफ्टी गाजियाबाद के निदेशक
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Himachal Pradesh में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने पहुंचे डारेक्टर जनरल ऑफ माइनिंग सेफ्टी गाजियाबाद के निदेशक

Himachal Pradesh News: डारेक्टर जनरल ऑफ माइनिंग सेफ्टी गाजियाबाद के निदेशक तिल-तिल कर टूटते कतवाड़ गांव की सुध लेने पहुंचे. निदेशक संजीव कुमार यहां खतवाड़ गांव के ग्रामीणों की शिकायत पर पहुंचे थे. भले ही विभाग ने ग्रामीणों की शिकायत के कई महीनो बाद यहां आने की जहमत उठाई, लेकिन ग्रामीणों को उम्मीद है कि शायद अब उन्हें न्याय मिल पाएगा.

सांकेतिक तस्वीर

ज्ञान प्रकाश/पांवटा साहिब: घरों में दरारें आ चुकी हैं, आंगन टूट चुके हैं, आजीविका का एक लौता साधन सैंकड़ों बीघा उपजाऊ जमीन खाई में समा चुकी है. कुछ ऐसे ही हालात हैं खटवाड़ गांव के, जहां खतवाड़ गांव पिछले 3 दशकों से तिल-तिल कर खाई में खिसकता जा रहा है. गांव की सैकड़ो बीघा जमीन और कई मकान खाई में समा चुके हैं, जबकि लगभग दो दर्जन मकानों में दरारें आ गई हैं. 

इनमें से अधिकतर मकान रहने लायक नहीं बचे हैं, लेकिन ग्रामीण दरक चुके इन्हीं मकानों में रहने को मजबूर हैं. हालांकि ग्रामीण पिछले कई वर्षों से केंद्र सरकार से लेकर खनन विभाग तक हर स्तर पर अपनी बात रख रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी सरकार या जिम्मेदार विभाग ने ग्रामीणों का दर्द जानने का प्रयास तक नहीं किया है.  

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इस साल मानसून में बरसात से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए अधिकारी और मंत्री हर प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे, लेकिन खतवाड़ गांव की विडंबना  देखिए कि यहां कोई भी मंत्री या बड़े अधिकारी नहीं पहुंचे. इस गांव में यह हालत पिछले 3 दशकों से बने हुए हैं, लेकिन प्रशासन अभी तक खामोश बैठा है. 

कुदरत की मार झेल रहे गांव के दर्जनों परिवारों को कुदरत के भरोसे छोड़ दिया गया है. इसी विषय को लेकर खतवाड़ गांव के ग्रामीणों ने डायरेक्टर जनरल माइनिंग सेफ्टी गाजियाबाद को शिकायत भेजी थी, जिसमें ग्रामीणों ने गांव के पास चल रही तीन चूना पत्थर खदानों पर अवैज्ञानिक खनन के आरोप लगाते हुए कुव्यवस्था को त्रासदी के लिए जिम्मेदार बताया. 

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ग्रामीणों का कहना है कि खदानों से निकलने वाले मलबे की अवैज्ञानिक ढंग से डंपिंग की जाती है. खदानों पर अवैज्ञानिक ढंग से खुदाई की जाती है, जिसकी वजह से हर साल करोड़ों टन मालबा बरसाती नाले के साथ बहकर गांव के ठीक नीचे तलहटी में कटाव लगाता है. कटाव की वजह से गांव के दो तरफ गहरी खाई बन गई है. 

इन खाइयों से बरसात के दिनों में मलबा खिसकता रहता है, जिसकी वजह से गांव की उपजाऊ जमीन और घर भी नाले की तरफ खिसकते जा रहे हैं. खतवाड़ गांव के ग्रामीण उनके पुनर्वास और नुकसान की भरपाई की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक ना मुआवजा दिया गया है, ना खदानों के खिलाफ कोई कार्यवाही हुई है और ना ही ग्रामीणों के पुनर्वास के प्रयास किए गए हैं.

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ग्रामीणों की शिकायत के बाद डायरेक्टर जनरल ऑफ माइंड सेफ्टी के निदेशक क्षेत्र का दौरा करने पहुंचे. खदानों और प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद डीजीएमएस के डायरेक्टर संजीव कुमार ने बताया कि उन्होंने क्षेत्र का दौरा करने के साथ ही पीड़ित ग्रामीणों की समस्याओं और दूसरे पक्ष को भी सुना है, उन्होंने कहा कि इस संबंध में तथ्यों के आधार पर कार्यवाही की जाएगी.

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