CU में हुआ फेकल्टी डिवेलपमेंट प्रोग्राम 2024 का आयोजन, देश के तीन विश्वविद्यालयों के VC ने लिया भाग
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CU में हुआ फेकल्टी डिवेलपमेंट प्रोग्राम 2024 का आयोजन, देश के तीन विश्वविद्यालयों के VC ने लिया भाग

Dharamshala News: सीयू में फेकल्टी डिवेलपमेंट प्रोग्राम 2024 का आयोजन हुआ. इस दौरान सीयू के वीसी प्रो. सत प्रकाश बंसल बतौर मुख्यातिथि मौजूद रहे. 

CU में हुआ फेकल्टी डिवेलपमेंट प्रोग्राम 2024 का आयोजन, देश के तीन विश्वविद्यालयों के VC ने लिया भाग

Dharamshala News: हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय में फेकल्टी डिवेलपमेंट प्रोग्राम 2024 का आयोजन किया गया.  इस कार्यक्रम में जहां सीयू के वीसी प्रो. सत प्रकाश बंसल बतौर मुख्यातिथि मौजूद रहे. वहीं देश के तीन विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर्स ने प्रोग्राम में भाग लिया. 

वीसी प्रो. सत प्रकाश बंसल ने कहा कि वर्तमान में कई ऐसे विषय हैं, जिनका सब्जेक्ट में समावेश होना बेहद जरूरी है. फेकल्टी डिवेलपमेंट प्रोग्राम की अभी शुरूआत हुई है, जबकि भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहेंगे. स्टूडेंटस को शिक्षा देने से पहले शिक्षकों को खुद को अपडेट करना पड़ता है. उसी के तहत इस तरह की पहल की गई है. टीचर्स हमेशा लर्निंग स्टेज पर रहता है और लर्निंग स्टेज पर ही रहना चाहिए.

मीरपुर विश्वविद्यालय हरियाणा के कुलपति प्रो. जेपी यादव ने औषधीय पौधों के संदर्भ में भारतीय ज्ञान प्रणाली विषय पर कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय ज्ञान प्रणाली को महत्ता दी गई है. हमारी जनजातियां, पुराने वैद्य और हमारे बुजुर्ग, उन्हें पेड़ पौधों के बारे में जो नॉलेज है. वो वर्तमान में खत्म होते जा रहा है. हमारी परंपरागत औषधियां हैं. हमारा आयुर्वेदिक सिस्टम उच्च कोटी का था, जो खत्म होता जा रहा है, जिसका प्रमुख कारण है कि जो ज्ञान बुजुर्गों को औषधियों का था, वो वर्तमान पीढ़ी को नहीं है. इन सब विषयों पर फेकल्टी डिवेलपमेंट प्रोग्राम में चर्चा की जा रही है.

प्रो. दिनेश कुमार कुलपति गुरुग्राम विश्वविद्यालय ने शिक्षण और अनुसंधान में रुझान विषय पर बोलते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति से टीचिंग सिस्टम में काफी परिवर्तन आया है. बहुत सी चीजें अभी तक टीचर्स को पता नहीं हैं. अब तक हम चॉक और बोर्ड से ही काम चलाते थे या पेन बोर्ड से काम चलाते थे. इसके अलावा कई ऐसे टूल्स हैं, जिनके बारे में काफी टीचर्स को पता नहीं है. जिस तरह से टीचिंग में परिवर्तन आया है, टीचिंग लर्निंग आने वाले समय में किस तरह की होनी चाहिए. इस पर चर्चा की जाएगी. इसके साथ रिसर्च पर भी चर्चा होगी. पूर्व में ऐसे टॉपिक पर रिसर्च होती थी, जिसका हमारे देश से कोई लेना-देना तक नहीं होता था. देश की जरूरत के विषयों पर किस तरह से रिसर्च की जाए, इन सभी बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी. 

रिपोर्ट- विपिन कुमार, धर्मशाला

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