हिमाचल को देश का एप्पल स्टेट (Himachal is the Apple State of the country) कहा जाता है. देवभूमि हिमाचल के इतिहास में दो घटनाओं से जुड़े दिवस महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं. इस कड़ी में पहली तारीख 15 अप्रैल और दूसरी 25 जनवरी है.
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चंडीगढ़- हिमाचल प्रदेश को रहस्यों की भूमि कहा जाता है. देवभूमि हिमाचल के इतिहास में दो घटनाओं से जुड़े दिवस महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं. इस कड़ी में पहली तारीख 15 अप्रैल और दूसरी 25 जनवरी है.
सात दशक पूर्व 15 अप्रैल 1948 को हिमाचल की नींव रखी गई. छोटी-बड़ी करीब तीस रियासतों को मिलाकर हिमाचल का गठन किया गया. 25 जनवरी 1971 को हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला. डॉ. वाईएस परमार ने हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए बहुत प्रयास किए और वे अपने मिशन में सफल रहे.
एप्पल स्टेट
हिमाचल प्रदेश पर्यटन के स्वर्ग के तौर पर पहचान रखता है. यहां साल भर में लगभर पौने दो करोड़ सैलानी घूमने के लिए आते हैं. हिमाचल को देश का एप्पल स्टेट (Himachal is the Apple State of the country) कहा जाता है.
चारों तरफ से बर्फीली घाटियों और हिमालय पर्वत श्रृंखला से घिरा यह पहाड़ी राज्य अपने अंदर कई राज समेटे हुए है. यहां ऐसे बहुत से प्राचीन स्थल मौजूद हैं, जिनका इतिहास पौराणिक काल से जुड़ा हुआ, और यहां कुछ ऐसी भी रहस्यमयी जगहें मौजूद हैं, जिनका सच विज्ञान पर भी भारी पड़ चुका है.
नाटी
हिमाचल प्रदेश ने बढ़ते हुए आधुनिकीकरण के बावजूद अपनी समृद्ध पारंपरिक संस्कृति को कायम रखा है. नाटी नृत्य इस राज्य का सबसे प्रसिद्ध लोक नृत्य है. यह संगीतकारों के साथ लोगों के एक समूह द्वारा प्रदर्शित किया जाता है.
नाटी करते समय पुरुष ऊनी वस्त्र पहनते हैं जिसमें पीठ के निचले हिस्से पर लंबे कमरबंद बंधे होते हैं. वे एक प्रतीकात्मक हिमाचली टोपी भी पहनते हैं, जिसके सबसे ऊपरी हिस्से पर फूल लगाए जाते हैं. दूसरी ओर, महिलाएँ चूड़ीदार, चोला, गहने पहनती हैं और रंगीन स्कार्फ़ से अपना सिर ढकती हैं.
धाम
देवी देवताओं की भूमि हिमाचल का रहन सहन, ऊंचे ऊंचे पहाड़ किसी का भी मन मोह लेता है. बात अगर हिमाचली धाम की करें तो ये पुरे विश्व में मशहूर है. हिमाचल में जब कोई शादी या अन्य सुबह कार्य किया जाता हैं तो मेहमानो के लिए तरह तरह के बने पकवान को हिमाचली धाम कहा जाता है.
शादियों में बनने वाली धाम का स्वाद उस फाइव स्टार होटल के स्वाद को भी फेल कर देता है जो लोग हजारों रुपये देकर उसे खाते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी की हिमाचल के 12 जिलों में 12 तरह की धाम परोसी जाती है. धाम का खाना आमतौर पर पत्तल पर ही परोसा जाता है और किसी-किसी क्षेत्र में साथ में दोने भी रखे जाते हैं.