Himachal Pradesh CPS News: हिमाचल प्रदेश में छह सीपीएस की नियुक्ति का मुद्दा गरमाया हुआ है. हाईकोर्ट के आदेशों के बाद सभी सीपीएस से सरकारी सुविधाएं वापस लेने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. ऐसे में अब सुक्खू सरकार का अगला कदम क्या होगा इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं.
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संदीप सिंह/शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा सीपीएस नियुक्ति खारिज होने के बाद प्रदेश में सियासी घमासान शुरू हो गया है. विपक्ष को एक बार फिर से सत्तापक्ष को घेरने का मुद्दा मिल गया है. छह CPS नियुक्ति रद्द होने के बाद 6 विद्यायकों को सरकार में सीएम सुक्खू अब एडजस्ट करेंगे या फिर इनमे से कुछ की अजस्ट्मेंट के लिए मंत्रिमंडल में कुछ फेरबदल होंगे, इस पर चर्चा तेज हो गई है.
बता दें, भारतीय संविधान के अनुच्छेद-164 में किए गए संशोधन के मुताबिक किसी भी राज्य में उसके विधायकों की कुल संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक मंत्री नहीं हो सकते हैं. हिमाचल में 68 MLA हैं, इसीलिए प्रदेश में अधिकतम 12 मंत्री ही बन सकते हैं. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले के बाद सभी मुख्य संसदीय सचिवों की गाड़ी, बंगला, दफ्तर और स्टाफ जैसी सुख-सुविधाएं वापस लेने के सरकार ने आदेश कर दिए हैं. इनसे स्टाफ और गाड़ियां वापस ले ली गई हैं. अब इन्हें दफ्तर और बंगले भी खाली करने होंगे.
हाईकोर्ट की ओर से CPS की नियुक्तियों को रद्द करने के फैसले पर सीएम सुक्खू ने कहा...
कोर्ट के आदेशों पर बीती शाम ही मुख्य सचिवों से इन सुविधाओं को वापस लेने के आदेश जारी कर दिए गए थे. सरकार ने इन्हें राज्य सचिवालय में दफ्तर, स्टाफ और रहने के लिए आलीशान कोठियां दे रखी थीं. सभी CPS को सामान्य प्रशासन विभाग ने फॉर्च्यूनर गाड़ियां दी हुई थीं, लेकिन आज इन्हें यह सब GAD को हैंड ओवर करना होगा, जो CPS बीते दिन शिमला में थे, उन्होंने अपनी गाड़ियां GAD को दे दी हैं. प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में CPS के साथ गईं गाड़ियां आज GAD को सौंपी जाएंगी. जानकारी के मुताबिक, सभी CPS ने सरकारी गाड़ियों का इस्तेमाल बीती शाम से ही बंद कर दिया है. सीपीएस को प्रति माह अब 2.20 लाख सैलरी और भत्ते भी नहीं मिलेंगे.
बता दें, पूर्व CPS मोहन लाल ब्रक्टा विधि विभाग और बागवानी, राजकुमार नगर नियोजन, इंडस्ट्री और राजस्व, आशीष बुटैल शहरी विकास विभाग, किशोरी लाल, पशुपालन विभाग व ग्रामीण विकास और संजय अवस्थि स्वास्थ्य, जनसंपर्क और लोकनिर्माण, सुंदर सिंह ठाकुर वन, ऊर्जा, पर्यटन और सिवल एविएशन विभागों के साथ अटैच थे. सीपीएस को बेशक किसी भी फाइल को अप्रूव करने की पावर नहीं थी, लेकिन तमाम फाइल्ज इन्हीं के टेबल से होकर गुजरती थी.
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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा छह CPS की नियुक्ति को रद्द करने के बाद अब सबकी नजरें कांग्रेस और भाजपा के अगले कदम पर हैं. कांग्रेस स्पष्ट कर चुकी है कि हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी, वहीं भाजपा CPS की विधायकी को चुनौती देने के लिए कानूनी पहलुओं पर दांवपेच तलाश रही है. सूत्रों के मुताबिक भाजपा जल्द ही राज्यपाल से मिल सकती है और CPS बनाए गए छह विधायकों की सदस्यता खत्म करने की मांग भी कर सकती है.
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