Island Tourism: बिलासपुर में स्थित गोविंद सागर झील पर होगा आईलैंड टूरिज्म का विकास
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Island Tourism: बिलासपुर में स्थित गोविंद सागर झील पर होगा आईलैंड टूरिज्म का विकास

Himachal Pradesh Tourism News: गोविंद सागर झील में वाटर एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने के बाद अब अंडमान-निकोबार की तर्ज पर आईलैंड टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा. 

 

Island Tourism: बिलासपुर में स्थित गोविंद सागर झील पर होगा आईलैंड टूरिज्म का विकास

विजय भारद्वाज/बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर में स्थित गोविंद सागर झील को पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाने के उद्देश्य से अंडमान-निकोबार द्वीप समूह की तर्ज पर आईलैंड टूरिज्म का विकास किया जा रहा है. इस परियोजना के तहत उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक और एसडीएम सदर अभिषेक गर्ग ने झील के ज्योरीपट्टन क्षेत्र का निरीक्षण किया, जहां एक बड़े द्वीप को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना है.

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा गोविंद सागर झील में वाटर स्पोर्ट्स एंड एडवेंचर टूरिज्म की शुरुआत करने के बाद अब जिला प्रशासन आईलैंड टूरिज्म का विकास करने की योजना तैयार कर रहा है, जिसके मद्देनजर उपायुक्त बिलासपुर ने आईलैंड का निरीक्षण किया है. इस बात की जानकारी देते हुए उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि गोविंद सागर झील में स्थित यह द्वीप पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए उपयुक्त पाया गया है, जिससे क्षेत्र में पर्यटन को एक नई दिशा मिलेगी और झील के प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ावा मिलेगा.

इसके साथ ही कहा, इस बड़े द्वीप की खासियत यह है कि यह पानी में स्थित होने के बावजूद 8 से 9 महीने तक पानी से ऊपर रहता है. इसकी यह विशेषता इसे पर्यटकों के लिए आदर्श स्थल बनाती है, जहां वे बिना किसी समस्या के प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं. उन्होंने कहा इस परियोजना का उद्देश्य बिलासपुर को एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करना और पर्यटकों को झील में अनूठे अनुभव प्रदान करना है.

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उपायुक्त ने कहा कि अंडमान-निकोबार की तरह यहां वॉटर स्पोर्ट्स, कैम्पिंग और स्थानीय संस्कृति से जुड़ी गतिविधियों का आयोजन करके इसे एक आकर्षक पर्यटन स्थल में बदलने का प्रयास किया जा रहा है. इस परियोजना के तहत पर्यटकों के लिए कई प्रमुख आकर्षण और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. ज्योरीपट्टन क्षेत्र में ईको-फ्रेंडली कैम्पिंग साइट्स विकसित की जाएगी, जहां पर्यटक रात में बोनफायर और स्थानीय संगीत का आनंद ले सकेंगे. इसके अलावा, झील के चारों ओर नेचर ट्रेल्स और हाइकिंग रूट्स बनाए जाएंगे, जहां प्रकृति प्रेमी क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव कर सकेंगे. 

आबिद हुसैन ने बताया कि स्थानीय संस्कृति और व्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए फूड और कल्चरल फेस्टिवल का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्थानीय कलाकारों द्वारा पारंपरिक नृत्य, संगीत और नाटक प्रस्तुत किए जाएंगे. इसके साथ ही झील के कुछ हिस्सों में फिशिंग और एंग्लिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे पर्यटक शांत वातावरण में मछली पकड़ने का आनंद ले सकेंगे.

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उन्होंने बताया कि यह द्वीप प्री-वेडिंग शूट्स के लिए आदर्श स्थल साबित होगा, जहां कपल्स अपने खास पलों को कैमरे में कैद कर सकेंगे. इसके अलावा द्वीप पर विशेष लंच और डिनर पार्टी का आयोजन भी किया जाएगा जो परिवारों, दोस्तों और ग्रुप पार्टी के लिए एक अद्वितीय अनुभव रहेगा. इसके साथ ही पर्यटकों के लिए आरामदायक टेंटिंग और ग्लैम्पिंग की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी ताकि वे प्रकृति के साथ जुड़े रहने का सुखद अनुभव ले सकेंगे.

गौरतलब है कि जिला प्रशासन का यह प्रयास है कि बिलासपुर में पर्यटकों को अधिक से अधिक दिनों तक रोका जा सके. वहीं पर्यटकों के अधिक दिनों तक बिलासपुर में रुकने से जहां स्थानीय स्तर पर होटल, रेस्टोरेंट और अन्य बुनियादी ढांचे का विकास होगा. साथ ही बिलासपुर और आसपास के जिलों के लोग यहां आकर निवेश करेंगे, जिससे स्थानीय लोगों के कारोबार में वृद्धि होगी. इस परियोजना से स्थानीय रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे. साथ ही पर्यटन के माध्यम से क्षेत्रीय आर्थिक गतिविधियां भीबढ़ेंगी, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा.

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