Dharamshala में रातभर चलाया गया रेस्क्यू ऑपरेशन, 55 लोगों को बचाया गया सुरक्षित
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Dharamshala में रातभर चलाया गया रेस्क्यू ऑपरेशन, 55 लोगों को बचाया गया सुरक्षित

Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में हो रही बारिश के कारण इस समय ब्यास नदी का जल स्तर उफान पर है. ऐसे में कुछ लोग यहीं फंस गए, जिन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बीती रात रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया जो आज सुबह 5 बजे जारी रहा.  

 

Dharamshala में रातभर चलाया गया रेस्क्यू ऑपरेशन, 55 लोगों को बचाया गया सुरक्षित

धर्मशाला/नूरपुर: इंदौरा उपमंडल के घंडारा व म्यानी में ब्यास नदी में फंसे लोगों को भारी मशक्कत के साथ रात भर नौ घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सुरक्षित निकाला गया. इसमें विधायक मलेंद्र राजन, एसडीएम सुरेंद्र ठाकुर व डीएसपी विशाल वर्मा रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होने से अंत तक वहीं डटे रहे. 

उपायुक्त व जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष डा. निपुण जिंदल ने बताया कि सोमवार रात नौ बजे जिला कंट्रोल रूम को ब्यास नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण घंडारा व म्यानी में 55 के करीब लोगों के फंसे होने की सूचना मिली. इस दौरान एसडीएम, डीएसपी की देखरेख में स्थानीय स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया और एनडीआरएफ को भी सूचित दिया गया.

उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ द्वारा रात करीब साढ़े दस बजे रेस्क्यू आपरेशन शुरू किया गया. यह रेस्क्यू ऑपरेशन सुबह पांच बजे तक चला, जिसमें सभी लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. उपायुक्त डा. निपुण जिंदल ने रात भर चले सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए एसडीएम, डीएसपी व उनकी टीम सहित एनडीआरएफ के प्रयासों की सराहना की है. उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के चलते नदियां, नालें और खड्डें उफान पर हैं. 

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उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निुपण जिंदल ने बताया कि पंडोह डैम से पानी छोड़े जाने के कारण पौंग जलाशय के जल स्तर में भी बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने पौंग के बहाव क्षेत्र (डाउनस्ट्रीम एरिया) के साथ लगती पंचायतों के लोगों से अपील की है कि वे दरिया के नजदीक न जाएं. पौंग के बहाव क्षेत्र के पास अगर कोई व्यक्ति या मवेशी है तो उन्हें तुरंत सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाए. इसके साथ ही उन्होंने लोगों से सतर्क रहने की अपील करते हुए प्रशासन का सहयोग करने की बात कही.

डॉ. निुपण जिंदल ने कहा कि आपदा प्रबंधन को लेकर लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, वन विभाग के अधिकारियों व आपदा प्रबंधन के दल फील्ड में पूरी तरह सक्रिय हैं. उन्होंने कहा कि भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील मार्गों पर जेसीबी व आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं ताकि मार्गों के अवरूद्ध होने की स्थिति में तुरंत प्रभाव से खुलवाया जा सके.

डीसी निपुण जिंदल ने कहा कि राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं भारी बारिश से किसी भी स्तर से जान माल का नुकसान होने पर फौरी राहत प्रभावित व्यक्तियों को तुरंत प्रभाव से मुहैया करवाएं और पुनर्वास के लिए भी कारगर कदम उठाएं ताकि लोगों को किसी भी तरह की असुविधा ना हो.

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जिला प्रशासन ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें और डर पैदा करने वाली ऐसी किसी बात को बिना उसकी सत्यता जाने आगे साझा न करें. उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा स्थिति में लोग स्थानीय पंचायत प्रधान, सचिव, पटवारी को तुरंत सूचित करें या जिला आपदा प्रबंधन उपायुक्त कांगड़ा के नंबर 1077 तथा मोबाइल नंबर 7650991077 पर संपर्क करें.

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