Himachal Pradesh News: सिरमौर के लोक कलाकार जोगेंद्र हाब्बी का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है. निदेशालय भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा हर साल आयोजित की जाने वाली लोकनृत्य प्रतियोगिताओं में लगातार दस बार पहला स्थान हासिल करने पर उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में स्थान मिला है.
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ज्ञान प्रकाश/पांवटा साहिब: सिरमौर जिला के उपमंडल राजगढ़ के लोक कलाकार जोगेंद्र हाब्बी को ऐतिहासिक कामयाबी मिली है. जोगेंद्र हाब्बी का नाम लंदन में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया है. जिले के दूर-दराज वाले क्षेत्रों के लोक कलाकार का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज होने से क्षेत्र के लोगों को काफी खुशी हो रही है. इससे स्थानीय लोक कलाकारों का हौसला बढ़ गया है.
इससे पहले जोगिंदर हाब्बी का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है. जोगिंदर हाब्बी का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज होना बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. जोगिंदर हाब्बी को यह उपलब्धि लोक नृत्य प्रतियोगिता में लगातार 10 बार पहला स्थान हासिल करने पर मिली है. यह प्रतियोगित भाषा एवं संस्कृति विभाग की ओर से जिला सिरमौर में वर्ष 2011-12 से शुरू हुई थी. लोक नृत्य प्रतियोगिताओं में जोगिंदर हाब्बी के नेतृत्व व निर्देशन में चूड़ेश्वर लोकनृत्य सांस्कृतिक मंडल और आसरा संस्था के कलाकारों ने हर बार प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया.
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राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी लोकनृत्य विधाओं का प्रदर्शन करने वाले जोगेंद्र हाब्बी इस सफलता का श्रेय उनके गुरू पद्मश्री विद्यानंद सरैक और सहयोगी कलाकारों को देते हैं. हाब्बी का कहना है कि उनके गुरू और सहयोगिक कलाकारों की बदौलत ही उनका नाम आज वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो पाया है.
बता दें, जोगिंदर हाब्बी पिछले लगभग 30 वर्षों से लोकनृत्य के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं. उनका चूड़ेश्वर लोकनृत्य सांस्कृतिक मंडल और आसरा संस्था के कलाकारों न सिर्फ देश बल्कि विदेश में भी सिरमौर की लोक नृत्य और लोक संस्कृति का प्रदर्शन कर चुके हैं. जोगेंद्र हाब्बी के नेतृत्व में सांस्कृतिक दल के कलाकार अब तक छोटे बड़े लगभग 5000 मंचीय प्रदर्शन किए जा चुके हैं.
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जोगिंदर हाब्बी और उनके साथी कलाकारों की सफलता की उनके गुरू पद्मश्री विद्यानंद सरैक ने भी प्रशंसा की. पद्मश्री विद्यानंद सरैक ने कहा कि जोगिंदर हाब्बी और उनके साथी कलाकारों ने सभी को गौरवान्वित किया है. आज उनकी वजह से ही सिरमौरी नाटी विश्व में सरताज बनी है.
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