विधानसभा के बाहर पहुंचे लोगों ने सीएम से मिलने की जिद पकड़ ली. सदन की कार्रवाई के बीच में जयराम ठाकुर को बाहर आकर लिखित में आश्वासन देना पड़ा, तब जाकर मामला शांत हुआ.
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नई दिल्ली : हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र धर्मशाला में शुक्रवार से आज से शुरू हो गया. विधानसभा के दिवंगत सदस्यों के साथ ही सीडीएस बिपिन रावत सहित अन्य सैन्य अधिकारियों को भी श्रद्धांजलि दी गई. सदन की कार्रवाई के दौरान सवर्ण आयोग के गठन की मांग को लेकर हजारों लोगों ने विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया.
उन्होंने सीएम से मुलाकात की जिद पकड़ ली. वे सीएम से मुलाकात के बिना वहां से हटने को राजी नहीं थे. पुलिस प्रशासन के लाख समझाने के बाद जब प्रदर्शनकारी नहीं माने तो प्रोटोकॉल तोड़कर सीएम जयराम ठाकुर को विधानसभा सत्र बीच में छोड़कर प्रदर्शनकारियों से बात करने के बाद बाहर आना पड़ा.
प्रोटोकॉल तोड़कर सीएम मिले
सीएम ने सामान्य वर्ग आयोग के गठन का आश्वासन दिया, लेकिन प्रदर्शनकारी प्रोटोकॉल तोड़कर लिखित में मंजूरी पर अड़े रहे करीब सवा चार बजे सीएम ने आयोग गठन की मांग को लेकर लिखित रूप में पत्र जारी किया. इसके बाद प्रदर्शनकारी शांतिपूर्वक लौट गए. इसके बाद सीएम सदन में लौटे और सवर्ण आयोग के गठन के प्रस्ताव की बात कही.
सरकार ने सामान्य वर्ग आयोग का गठन करने की अधिसूचना जारी कर दी. अगले बजट सत्र में यह प्रस्ताव लाया जाएगा. सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव देवेश कुमार ने ट्वीट कर बताया कि राज्यपाल ने आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है.
पुलिस के वाटर कैनन पर भड़की भीड़
इससे पहले आम वर्ग से जुड़े कई संगठनों के लोग सुबह 11:30 बजे तपोवन विधानसभा परिसर से एक किलोमीटर दूर जोरावर स्टेडियम में हरिद्वार से गंगाजल लेकर पहुंचे. इसके बाद करीब 20 हजार विधान सभा की ओर बढ़ चले. जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो भीड़ उग्र हो गई.
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पुलिस ने दमकल वाहन से प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार छोड़ दी. इसके बाद भीड़ बेकाबू हो गई. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पथराव कर दमकाल वाहन के शीशे तोड़ दिए और बैरिकेडिंग तोड़कर विधानसभा परिसर के बाहर पहुंच गए. इस दौरान कुछ लोगों को मामूली चोटें भी आईं.
प्रदर्शनकारियों ने आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग की. उन्होंने एससी एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज की प्रक्रिया की निंदा की. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में बिना उचित जांच के कोई मामला दर्ज नहीं किया जाना चाहिए.
प्रदर्शनकारियों ने दोटूक कहा कि हमें गोली मार दो या आग लगा दो, लेकिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिले बिना यहां से नहीं लौटेंगे. इसके बाद सीएम ने उनसे मुलाकात कर उन्हें लिखित में आश्वासन दिया. यह पूरा घटनाक्रम 4 घंटे से ज्यादा चला.