Himachal Pradesh में पेंशनरों द्वारा अलग-अलग जिलों में किए जा रहे धरने प्रदर्शनों का कारण है सरकार का अड़ीयल रवैया!
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Himachal Pradesh में पेंशनरों द्वारा अलग-अलग जिलों में किए जा रहे धरने प्रदर्शनों का कारण है सरकार का अड़ीयल रवैया!

Hamirpur News: हिमाचल परिवहन सेवानिवृत कर्मचारी कल्याण मंच हमीरपुर इकाई की मासिक बैठक चालक प्रशिक्षण केंद्र बस स्टैंड हमीरपुर में जिलाध्यक्ष अजमेर ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित हुई. 

Himachal Pradesh में पेंशनरों द्वारा अलग-अलग जिलों में किए जा रहे धरने प्रदर्शनों का कारण है सरकार का अड़ीयल रवैया!

अरविंदर सिंह/हमीरपुर: हिमाचल परिवहन सेवानिवृत कर्मचारी कल्याण मंच हमीरपुर इकाई की मासिक बैठक चालक प्रशिक्षण केंद्र बस स्टैंड हमीरपुर में जिलाध्यक्ष अजमेर ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित हुई. बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष ओमप्रकाश व प्रदेश सचिव नंदलाल विशेष रूप से उपस्थित रहे. प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि जो धरने प्रदर्शन पेंशनरों द्वारा जिलों में किए जा रहे हैं यह सरकार के अड़ीयल रवैये का नतीजा हैं, नहीं तो उम्र के इस आखिरी पड़ाव में हमें सडकों पर उतरने की क्या जरूरत है, जब तक सरकार परिवहन पेंशनरों को वार्ता के लिए नहीं बुलाती है तब तक यह धरने प्रदर्शन ऐसे ही जारी रहेंगे. 

बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश सचिव ने बताया कि सभी परिवहन पेंशनरों को यह लड़ाई इकट्ठे होकर लडना पड़ेगी, जो लोग घरों में बैठे हैं उनसे भी अपील करना चाहूंगा कि अपने हक पाने के लिए मंच का साथ दें और बैठक में आकर सहयोग करें, ताकि इस लड़ाई को मिलजुल कर लड़ा जा सके. 

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जिलाध्यक्ष ने बैठक में कहा कि परिवहन से करीब 8000 कर्मचारी सेवानिवृत हो चुके हैं और पेंशनरों के लगभग 350 करोड़ रुपये सरकार से लेने को हैं, इसलिए हमें सबके साथ मिल जुल कर अपने हक के लिए इस लड़ाई को लडना होगा. सरकार कर्मचारियों व पेंशनरों के देय भत्ते देने के लिए खजाना खाली होने का रोना डेढ़ साल से रो रही है, जबकि प्रदेश का नेतृत्व कर रही सरकार की यह जिम्मेदारी बनती है कि कर्मचारियों व पेंशनरों को समय पर सैलरी व पेंशन मुहैया करवाए और उनके वित्तीय लाभ समय पर दें. 

कर्मचारी व पेंशनर अपना कमाया हुआ हक मांग रहे हैं, कोई भीख नहीं मांग रहे हैं. कल्याण मंच हिमाचल सरकार से मांग करता है कि वित्तीय लाभों को शीघ्र अतिशीघ्र दिया जाए और पेंशन हर महीने पहली तारीख को देना सुनिश्चित की जाए, अन्यथा यह धरने प्रदर्शन विकराल रूप धारण कर सचिवालय का रुख करेंगें और इन धरने प्रदर्शन में किसी वृद्ध पेंशनर की अचानक मृत्यु होती है, तो सरकार इसके लिए पूर्ण रूप से जिम्मेदार होगी.

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