Punjab News: पंजाब के मानसा जिले में रह रहे 75 वर्षीय बुजुर्ग अपना और अपनी पत्नी का गुजारा करने के लिए दिहाड़ी मजदूरी करने को मजबूर हैं, क्योंकि आज उनके पास कोई सहारा नहीं है.
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मानसा: पंजाब के मानसा जिले के गांव गुरने के 75 वर्षीय महेंद्र सिंह ने दुखी मन से बताया कि उनके चार बेटे थे जो अब इस दुनिया में नहीं रहे. उन्होंने बताया कि घर के हालात नाजुक होने की वजह से कर्जा हो गया. पहले एक बेटा ट्रेन के नीचे आकर खुदकुशी कर गया, उसके बाद दूसरा बेटा जिसकी शादी के लिए कर्ज लेकर घर बनवाया था, उसने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. इसके बाद लगातार परिवार के हालात और नाजुक होते गए और तीसरे बेटे ने जहरीली दवा पीकर खुदकुशी कर ली.
बुजुर्ग ने बताया कि यह सब होने के बाद रोटी कमाने का भी कोई जरिया ना रहा, क्योंकि तीनों बेटों की मौत के बाद चौथा बेटा इन हालातों के चलते दिमागी रूप से परेशान हो गया. महेंद्र सिंह ने बताया कि वह सरकारी दफ्तरों और सरकार तक बार-बार गुहार लगाता रहे, लेकिन किसी ने उनकी एक ना सुनी. एक समय आया जब चौथा बेटा भी इस दुनिया को अलविदा कह गया.
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उन्होंने बताया कि अब उनकी पत्नी की हालत भी नाजुक बनी हुई है जो दिमागी रूप से परेशान हैं. परिवार का गुजारा करने के लिए महेंद्र सिंह ने बताया कि वह अपनी साइकिल पर गांव गुरने से मानसा के गांवो में धान लगाने के लिए हर रोज मजदूरी करने आता है. वहीं, उन्होंने सरकार और प्रशासन से गुहार लगाई है कि उनकी मदद की जाए ताकि वह अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें.
मानसा के समाजसेवी हरेंद्र सिंह मानसिया और बलजिंदर सिंह संगीला ने बताया कि सरकारें और प्रशासन लगातार दावे करता है कि लोगों को सुविधाएं दी जाएंगी, लेकिन जहां हालात ऐसे हैं कि 75 वर्षीय बुजुर्ग महेंद्र सिंह अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए हर रोज साइकिल पर अपनी बेटी के पास मजदूरी करने आता है, क्योंकि जिसकी उम्र घर में बैठकर आराम करने की है वह मजबूरी के चलते हर रोज खेतों में धान लगाकर परिवार का पालन पोषण कर रहा है, उन्होंने सरकार और समाजसेवी संस्थाओं से मांग की है कि बुजुर्ग की मदद की जाए.
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