Himachal Pradesh News: धर्मशाला के जोधामल सराय में आज राय बहादुर जोधामल कुठियाला की प्रतिमा का अनावरण किया गया, जिन्होंने 50 साल तक दान पुण्य का कार्य किया. साथ ही टांडा मेडिकल कॉलेज में उनका नाम अंकित करने की मांग उठी.
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विपन कुमार/धर्मशाला: जिला मुख्यालय धर्मशाला के डिपो बाजार स्थित जोधामल सराय में रविवार को 50 साल तक दान करने वाले राय बहादुर जोधामल कुठियाला की प्रतिमा का अनावरण किया गया. सूद सभा धर्मशाला द्वारा आयोजित वार्षिक परिवार मिलन समारोह के दौरान पालमपुर के विधायक एवं सीपीएस आशीष बुटेल ने प्रतिमा का अनावरण किया. इस दौरान मौजूद राय बहादुर जोधामल के पौत्र डॉ. अतुल ने आशीष बुटेल के समक्ष टीएमसी में उनके दादा का नाम अंकित करने की मांग उठाई.
गौरतलब है कि राय बहादुर जोधामल ने टांडा में 47 एकड़ भूमि पर 400 बिस्तर के क्षय रोग सेनेटोरियम एवं चिकित्सालय को खोलने के लिए सरकार को दान में दिया था. धर्मशाला के डीपो बाजार में एक सराय का निर्माण करवाया था, जिसका उद्घाटन 14 मई 1942 को स्वामी सत्यानंद महाराज द्वारा किया गया था. राय बहादुर जोधामल कुठियाला ने 5 दशकों की अवधि में दान दिया और जम्मू-कश्मीर, अविभाजित पंजाब और रियासती हिमाचल प्रदेश राज्यों में कई धर्मार्थ कार्यों का समर्थन किया.
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सीपीएस आशीष बुटेल ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के समय में जब टांडा में टीवी अस्पताल होता था, उस समय अस्पताल का उद्घाटन किया गया था. उनके नाम पर ही टांडा मेडिकल कॉलेज का नाम रखा गया है. डॉ. अतुल ने कहा है कि राय बहादुर जोधामल का नाम भी टांडा मेडिकल कॉलेज में आना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है यह ठीक बात है, आने वाले समय में हम इस बारे में कोई न कोई काम जरूर करेंगे.
डॉ. अतुल ने कहा कि हमारे दादा राय बहादुर जोधामल कुठियाला ने हिमाचल और अनडिवाइडिड पंजाब में बहुत काम किया है, लेकिन उन्हें स्वीकारा नहीं गया. इतिहास में उन्हें हिमाचल में कोई तरजीह नहीं दी गई. टांडा में टीवी अस्पताल राय बहादुर जोधामल ने अपनी जमीन देकर भवन बनवाया और भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद से लोकार्पण करवाया गया.
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डॉ. अतुल ने कहा कि इन भवनों के नाम राजनीतिज्ञों के नाम पर रख दिए गए, जबकि राय बहादुर जोधामल को स्वीकार नहीं किया गया. उनकी एक छोटी सी मूर्ति कोने में बना दी गई. उन्होंने कहा कि मुझे जानकारी मिली है वो मूर्ति भी मैंटेंड नहीं है. समाजसेवा और जनता की सुविधा के लिए काम करने वालों के साथ ऐसा होगा तो कौन ऐसे कार्यों के लिए आगे आएगा. यह पाखंड है. इसमें करेक्शन होनी चाहिए.
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