Hamirpur News in Hindi: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर पुलिस कई मामलों में मिले शिकायतों को जांच के लिए गठित एसआईटी को भेज रही है.
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Hamirpur News: हमीरपुर जिला पुलिस कई मामलों में मिले शिकायतों को जांच के लिए गठित एसआईटी को भेज रही है. अभी तक 18 शिकायतें जिला पुलिस की तरफ से एसआईटी को भेजी गए हैं. जिसमें महज दो शिकायत पर एफआईआर दर्ज किया गया है. जिसमें फ्रॉड का आंकड़ा 15 करोड़ के लगभग है.
जबकि अन्य 18 शिकायतों में यह स्कैम 100 करोड़ों के पार जाने की आशंका है. बताया जा रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी घोटालेबाजों ने हमीरपुर जिले के लोगों को 50 करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगाया है. कई लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई को कम समय में बढ़ाने के लिए एजेंटों के माध्यम से क्रिप्टो करेंसी में निवेश किया था.
हमीरपुर जिला पुलिस इन मामलों में मिले शिकायतों को जांच के लिए गठित एसआईटी को भेज रही है. अभी तक 18 शिकायतें जिला पुलिस की तरफ से एसआईटी को भेजी गए हैं. जिसमें महज दो शिकायत पर एफआईआर दर्ज किया गया है. जिसमें फ्रॉड का आंकड़ा 15 करोड़ के लगभग है. जबकि अन्य 18 शिकायतों में यह स्कैम 100 करोड़ों के पार जाने की आशंका है.
बताया जा रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी घोटालेबाजों ने हमीरपुर जिले के लोगों को 100 करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगाया है. कई लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई को कम समय में बढ़ाने के लिए एजेंटों के माध्यम से क्रिप्टो करेंसी में निवेश किया था.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक वर्मा ने बताया कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के नाम पर ठगी मामले में पीड़ित लोगों ने धोखाधड़ी की शिकायतें पुलिस को दी है. मामले में पुलिस इन शिकायतों पर गहनता से जांच कर रही है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. दो मामले में सुजानपुर और बड़सर थाना में धारा 420 के तहत आरोपियों के खिलाफ एफआरआई दर्ज की गई हैं.
हमीरपुर में क्रिप्टोकरेंसी कर्ताधर्तों के द्वारा अपने एजेंटों के माध्यम से लोगों को प्लान समझाकर व उन्हें अपना धन दोगुना करने का लालच देकर अपने शिकंजे में फंसा कर उनकी शुद्व धनराशि की ठगी की हैं. ठगों ने निवेशकों से कहा कि उन्हें अपने निवेश पर 11 प्रतिशत की दर से रिटर्न देने की गारंटी दी. जिससे धीरे-धीरे लोग इसके झांसे में आ गए. लोगों को निवेश के बदले डिजिटल आईडी दी जाती थी और कथित लाभ का पैसा नगद में दिया जाता था.
इस प्रकरण में पुलिस अधिकारी, वन विभाग अधिकारी और राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता शामिल थे. सबसे नीचे वो लोग थे, जिन्होंने खुद या रिश्तेदारों और परिजनों के नाम से निवेश किया था. गौरतलब है कि ये पूरा घोटाला साल 2018 से 2022 के बीच हुआ है. ठगों ने लोगों को कोर्वियो कॉइन (KRO) और DGT कॉइन नामक फर्जी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने का झांसा दिया।
क्रिप्टोकरंसी के झांसे में फंसे एक व्यक्ति ने जी न्यूज़ के साथ विशेष बातचीत में बताया कि क्रिप्टोकरंसी में निवेश के लिए उन्हीं के एक रिश्तेदार ने उन्हें प्रोत्साहित किया था उन्होंने बताया कि उसे समय उन्हें 1 साल में दुगनी राशि देने की गारंटी दी गई थी और घरेलू व्यक्ति होने के चलते वह इस झांसे में फंस गए.
उन्होंने बताया कि इस दौरान उन्हें एक साइट पर हर दिन होने वाले ट्रेड की जानकारी भी दी जाती थी. बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि निवेशकों को पैसे के लालच देकर और अधिक व्यक्तियों को उसके साथ जोड़ने की बात भी की जाती थी और इससे उन्हें प्रतिशत देने की भी बात होती थी.
उन्होंने बताया कि काफी समय बाद जब उन्हें इसके बारे में पता चला तो उन्होंने पुलिस अधीक्षक के पास लिखित शिकायत भी दर्ज करवाई है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि पुलिस इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें और उनके खून पसीने की कमाई को वापस करवाए.