Ramakrishna Mission Ashram: शनिवार देर रात करीब 1 बजे शिमला के राम कृष्ण मंदिर में ब्रह्मों समाज और रामकृष्ण मिशन के बीच खूब मारपीट और तोड़फोड़ हुई. इस दौरान कई लोग घायल भी हो गए. इसके बाद अब रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव तन्महिमानंद ने कहा है कि इस विवाद का ब्रह्म समाज से कोई लेना देना नहीं है, लेकिन इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन पर आरोप भी लगाए.
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समीक्षा कुमारी/शिमला: राजधानी शिमला के रामकृष्ण मिशन आश्रम में बीते दिनों हुए विवाद पर मिशन ने कहा है कि यह मामला रामकृष्ण मिशन और ब्रह्म समाज के बीच विवाद का नहीं है. उन्होंने कहा कि आश्रम में घुसे लोग भू-माफिया हैं. हिमालय ब्रह्म समाज का कोलकाता में शुरू हुए ब्रह्म समाज से कोई नाता नहीं है. हिमालय ब्रह्म समाज के असल ट्रस्टी हमारे साथ हैं.
रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव तन्महिमानंद ने आरोप लगाते हुए कहा...
इस दौरान मिशन ने सरकार और प्रशासन पर उनकी अनदेखी करने का भी आरोप लगाया है. रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव तन्महिमानंद ने कहा कि जब ये लोग आश्रम में घुसे, तभी उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, अनिरुद्ध सिंह और मुख्य सचिव को फोन लगाया था, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया. आखिर में उन्हें नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर से मदद मांगनी पड़ी. इसके साथ ही उन्होंने पुलिस प्रशासन पर भी उनकी अनदेखी करने और मामले को राजनीतिक रंग देने आरोप लगाया है.
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शिमला पुलिस अधीक्षक पर लगाया गंभीर आरोप
रामकृष्ण मिशन ने कहा कि आश्रम में घुसे तोड़फोड़ करने वाले लोग चुपचाप चले गए, लेकिन प्रशासन ने कोई रिकॉर्ड नहीं लिया. उन्होंने शिमला पुलिस अधीक्षक पर भी मामले को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया है. रामकृष्ण मिशन का कहना है कि हिमालय ब्रह्म समाज का कोलकाता में शुरू हुए ब्रह्म समाज से कोई नाता नहीं है. यह स्वतंत्र रूप से हिमाचल में काम कर रहा है. साल 2014 में हिमालय ब्रह्म समाज के ट्रस्टी ने उपहार अभिलेख यानी गिफ्ट डीड के जरिए रामकृष्ण मिशन को जमीन दी.
रामकृष्ण मिशन ने पूरे मामले में एक शख्स पर लगाया आरोप
रामकृष्ण मिशन का कहना है कि पूरी बात के पीछे विशाल शर्मा नाम का व्यक्ति है, जो आश्रम में माली के तौर पर काम कर रहा था. साल 2007 में उसने हिमाचल में हिमालय ब्रह्म समाज के समांतर गलत तरीके से ट्रस्ट बना दिया. इसके बाद मामला हाई कोर्ट पहुंचा और साल 2011 में उच्च न्यायालय ने विशाल शर्मा द्वारा बनाए गए ट्रस्ट को हिमालय ब्रह्म समाज का नाम और लोगों को इसे इस्तेमाल करने से रोक दिया.
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पुलिस प्रशासन पर लगाया अनदेखी का आरोप
इसके बाद से लगातार मामला न्यायालय में है. आश्रम की ओर से आरोप लगाया गया है कि इस विवाद को लेकर पहले ही शिमला पुलिस प्रशासन को सूचना दी गई थी, लेकिन पुलिस प्रशासन ने संज्ञान नहीं लिया. उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन की अनदेखी के चलते आश्रम में तोड़फोड़ और विवाद हुआ.
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