Virbhadra Singh Death Anniversary: छह बार किसी राज्य के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालना अपने आप में बड़ी बात है. हिमाचल की जनता से राजा जी को बहुत प्यार मिला. वीरभद्र सिंह आम जनता से स्नेह करते थे. लोगों के प्रति उनके मन में करुणा थी.
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Virbhadra Singh Death Anniversary: राजनीति के राजा वीरभद्र सिंह को इस दुनिया को अलविदा कहे आज पूरा एक साल हो गया हैं. हिमाचल प्रदेश के दिग्गज नेता और छह बार के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह की आज पहली पुण्यतिथि है.
राजा वीरभद्र सिंह के निधन को 1 साल पूरा हो गया है. उनकी पुण्यतिथि को कांग्रेस संकल्प दिवस के रूप में मनाने जा रही है. आज भी जब राजा साहब को याद किया जाता है तो हर हिमाचली की आंखे नम हो जाती हैं.
हॉली लॉज की ओर से शिमला के गेयटी थियेटर में सर्व धर्म सभा का आयोजन किया जाएगा. जहां सभी धर्मों के लोगों को आमंत्रित किया गया है और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाएगी.
इसमें कोई दो रय नहीं कि इस पहाड़ी प्रदेश की नींव हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार ने रखी और वीरभद्र सिंह ने उस नींव पर विकास का मजबूत ढांचा खड़ा किया है. छह बार किसी राज्य के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालना अपने आप में बड़ी बात है.
3 बजकर 40 मिनट पर ली अंतिम सांस...
लोकप्रिय नेता और छह बार के सीएम रहे वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) का 8 जुलाई 2021 को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था. आठ जुलाई को सुबह 3 बजकर 40 मिनट पर उन्होंने आखिरी सांस ली थी.
6 बार हिमाचल की बागडोर संभाली
वह छह बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हिमाचल की राजनीति में उनका कद कितना बड़ा था.
वीरभद्र सिंह नौ बार विधायक रहे थे. इसके साथ ही वह पांच बार सांसद भी चुने गए थे. उन्होंने छह बार सीएम के रूप में हिमाचल प्रदेश की बागडोर भी संभाली थी. वर्तमान में वह सोलन जिले के अर्की से विधायक थे.
हिमाचल में ही रमता था मन...
वे बेशक केंद्र में भी सक्रिय रहे, लेकिन उनका मन हिमाचल में ही रमता था और उनकी प्राथमिकता अपने प्रदेश की जनता रही. वे केंद्र की राजनीति से हिमाचल लौटते रहे. कांग्रेस के महान नेता लाल बहादुर शास्त्री की प्रेरणा से राजनीति में आए वीरभद्र सिंह ने इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव के साथ काम किया. अटल बिहारी वाजपेयी से भी उनके अच्छे संबंध रहे.
आम जनता से स्नेह...मन में करुणा
वीरभद्र सिंह को यूं ही राजा नहीं कहा जाता था. हिमाचल की जनता से राजा जी को बहुत प्यार मिला. वीरभद्र सिंह आम जनता से स्नेह करते थे. लोगों के प्रति उनके मन में करुणा थी. वे जरूरतमंद लोगों के लिए हमेशा मदद पहुंचाते थे. वीरभद्र सिंह एक कुशल प्रशासक के तौर पर तो जाने ही जाते हैं, उनका प्रदेश के विकास को लेकर भी स्पष्ट विजन था.