हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय की ओर से सिर्फ वार्ड नंबर 5 और वार्ड नंबर 11 के पुनर्सीमांकन पर विचार करने के आदेश जारी किए गए हैं. दूसरे वार्डों में सरकार की ओर से किए गए पुनर्सीमांकन की स्थिति यथावत बनी रहेंगी.
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समीक्षा कुमारी/शिमला: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने सरकार को बड़ा झटका दिया है. शिमला नगर निगम में किए गए पुनर्सीमांकन पर हाईकोर्ट ने शिमला के उपायुक्त को पुनर्विचार करने के निर्देश जारी किए हैं. दरअसल, पुनर्सीमांकन को लेकर उच्च न्यायालय में तीन याचिकाएं दायर की गईं थी. इन याचिकाओं में दो याचिका समरहिल वॉर्ड के सीमांकन और एक याचिका नाभा वार्ड के सीमांकन से जुड़ी हुईं थी.
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इसके अलावा एक याचिका समरहिल वॉर्ड रोस्टर रिजर्वेशन को लेकर भी दायर की गई थी. रोस्टर से जुड़ी इस याचिका में समरहिल बोर्ड को महिलाओं के लिए रिजर्व करने पर आपत्ति दर्ज करवाई गई थी. बता दें नगर निगम शिमला के 34 वार्ड थे, जो पुनर्सीमांकन कर 41 बना दिए गए.
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4 याचिकाएं दायर की गईं थी दायर
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय की ओर से सिर्फ वार्ड नंबर 5 और वार्ड नंबर 11 के पुनर्सीमांकन पर विचार करने के आदेश जारी किए गए हैं. दूसरे वार्डों में सरकार की ओर से किए गए पुनर्सीमांकन की स्थिति यथावत बनी रहेंगी. बता दें, 24 फरवरी, 2022 को शिमला उपायुक्त ने पुनर्सीमांकन के निर्देश जारी किए थे. इसके बाद मामले में कुल 4 याचिकाएं दायर की गई थी. कुल चार याचिकाओं में पुनर्सीमांकन से जुड़ी तीन याचिकाओं को स्वीकार करते हुए संबंधित याचिकाकर्ताओं की आपत्तियों को सुनने के निर्देश दिए गए हैं.
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