बरनाला की अनुरीत कौर ने राष्ट्रीय स्तर के किक बॉक्सिंग मुकाबलों में जीता नाम स्वर्ण, फिर भी दुखी! जानें वजह
Advertisement
Article Detail0/zeephh/zeephh2296761

बरनाला की अनुरीत कौर ने राष्ट्रीय स्तर के किक बॉक्सिंग मुकाबलों में जीता नाम स्वर्ण, फिर भी दुखी! जानें वजह

Punjab Sports: बरनाला की बेटी अनुरीत कौर ने राष्ट्रीय स्तर के किक बॉक्सिंग मुकाबलों में नाम रोशन किया. पश्चिम बंगाल में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में लगातार दूसरी बार स्वर्ण पदक जीता. 

बरनाला की अनुरीत कौर ने राष्ट्रीय स्तर के किक बॉक्सिंग मुकाबलों में जीता नाम स्वर्ण, फिर भी दुखी! जानें वजह

Barnala News: एक तरफ पंजाब सरकार शिक्षा और खेलों को प्रफुलित करने के बड़े-बड़े दावे तो जरूर कर रही है, लेकिन वहीं राज्य के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अपने दम पर ही मेडल जीतने का दावा कर रहे हैं, जिसमें पंजाब सरकार का कोई भी सहयोग नहीं. 

इस मौके पर खिलाड़ी अनुरीत कौर ने कहा कि उन्होंने पश्चिम बंगाल में आयोजित जूनियर नेशनल किकबॉक्सिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता है. उन्होंने बताया कि वह पिछले 3 साल से इस खेल की प्रतियोगिताओं में भाग ले रही हैं.

वह अपनी उपलब्धि से बेहद खुश हैं. वहां उन्होंने सरकार या प्रशासन के किसी भी प्रतिनिधि द्वारा स्वागत नहीं किये जाने पर नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि इस खेल में सिर्फ मेरा परिवार ही प्रयास कर रहा है. जबकि सरकार या प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं की गई.  कई बार प्रशासन से भी किकबॉक्सिंग खेल का मैदान बनाने की मांग की गई, लेकिन यह पूरा नहीं हो सका. 

उन्होंने कहा कि इसकी खेल मैदान और किट आदि में हमारी मदद करें. इस खेल के लिए हमारे पास कोच तो है, लेकिन मैदान की कमी के कारण कोचिंग ठीक से नहीं हो पाती है. वहीं उन्होंने कहा कि इस बार मैं अपने परिवार की ओर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने जा रही हूं, जिसके लिए मैं 3 लाख रुपये खर्च आएगा. इसलिए पंजाब सरकार से मांग है कि हमारी मदद करें ताकि हम देश और प्रदेश का नाम रोशन कर सकें.

इस मौके पर अनुरीत कौर के पिता कुलदीप सिंह ने कहा कि उनकी बेटी ने लगातार तीसरी बार नेशनल किकबॉक्सिंग में मेडल जीता है. पहली बार सिल्वर और दो बार गोल्ड मेडल जीता. जिससे हमारा परिवार बहुत खुश है. उन्होंने कहा कि मेरी बेटी ने पंजाब सरकार द्वारा आयोजित खेलों में दोनों बार स्वर्ण पदक जीता. सरकार ने कई बार हमारी मदद करने का वादा किया है, लेकिन अभी तक हमें कोई मदद नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि इस बार हम अपनी बेटी को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भेज रहे हैं.  हमें बताया गया है कि इसकी कीमत 3 लाख रुपए होगी, जबकि हमारी लागत उससे भी ज्यादा होगी. जिसके लिए हम पंजाब सरकार से मदद की अपील करते हैं ताकि हमारी बेटी इस खेल में और भी नाम रोशन कर सके. 

एक तरफ पंजाब सरकार खेलों के प्रति बड़े-बड़े दावे पेश कर रही है लेकिन वहीं दूसरी तरफ खेलों में मेडल हासिल करने वाले खिलाड़ी पंजाब सरकार की खेल पॉलिसी से नाराज नजर आ रहे हैं, जिससे यह साबित होता है कि ऊपर से पंजाब सरकार खेल और शिक्षा के प्रति बड़े-बड़े दावे जरूर कर रही है लेकिन जमीनी स्तर पर यह दावे खोखले नजर आ रहे हैं. 

सेहत, शिक्षा और खेलों के नाम पर सत्ता में आई आम आदमी पार्टी पंजाब सरकार जिससे आज खिलाड़ी कहीं ना कहीं निराश नजर आ रहे हैं.  

Trending news