Tulsi Poojan: सनातम धर्म में तुलसी के पौधे की पूजा करना शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि जहां तुलसी का पौधा लगा होता है वहां लक्ष्मी जी का वास होता है, लेकिन इसकी सही तरीके से पूजा करना भी बेहद जरूरी है.
Trending Photos
Tulsi Pooja Tips: यह तो आप सभी को मालूम है कि पेड़-पौधे हमारे लिए कितने जरूरी है. ये हमारे जीवन के लिए प्रकृति का दिया बेहद खास तोहफा हैं जो हमें जिंदा रखने में अहम भूमिका निभाते हैं. यही वृक्ष हैं जिनकी वजह से आए दिन बढ़ रहे वायु प्रदूषण के बावजूद हम जीवित हैं, लेकिन कुछ पेड़ और पौधे ऐसे भी हैं जिनमें देवी-देवताओं का वास माना है, जिनकी सनातन धर्म में पूजा की जाती है जैसे पीपल, बरगद, नीम इनमें और भी कई वृक्षों के नाम शामिल हैं. ये हमें ऑक्सीजन तो देते ही हैं, लेकिन इनमें देवी-देवताओं का वास भी माना जाता है. इन्हीं में से एक है तुलसी का पौधा, जो आमतौर पर सभी घरों में देखने को मिल जाता है.
क्यों की जाती है तुलसी की पूजा?
सनातन धर्म में तुलसी पूजन का खास महत्व माना जाता है. ज्यादातर लोग सुबह जल्दी उठकर प्रतिदिन तुलसी की पूजा करते हैं, हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को पवित्र माना जाता है. तुलसी को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है. कहा जाता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा सही दिशा और सही स्थान पर लगा होता है वहां स्वंय मां लक्ष्मी का वास होता है. हर दिन नियमानुसार तुलसी जी की पूजा करने से लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती है. इतना ही नहीं, तुलसी पूजन से मोक्ष की भी प्राप्ति होती है, लेकिन तुलसी पूजन के समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है.
ये भी पढ़ें- Amarnath Yatra 2023: आज समाप्त हो जाएगी 62 दिवसीय अमरनाथ यात्रा
ऐसे करें तुलसी पूजन
हर दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ-सुधरे वस्त्र धारण कर लें इसके बाद घर के मंदिर में जोत जलाएं और फिर तुलसी जी के सामने घी का दीपक या धूप जलाकर तुलसी की जड़ों में जल चढ़ाएं. इसके बाद तुलसी की आरती पढ़ें. बता दें, तुलसी की पूजा करते वक्त उत्तर दिशा की ओर मुख रखें और सबसे पहले तुलसी को प्रणाम करें. इसके बाद उन्हें जल अर्पित करें.
तुलसी को इस तरह चढ़ाएं जल
बता दें, हमेशा तुलसी की जड़ों में जल देना चाहिए और जल चढ़ाते हुए तुलसी की तीन परिक्रमा करनी चाहिए. इन तीन परिक्रमा के बाद आपको लौटे में इतना जल रखना चाहिए कि वह तीन परिक्रमा समाप्त होने के बाद भी थोड़ा सा बच जाए ताकि जब आपकी तीनों परिक्रमा पूरी जाएं तो आप आखिरी बार में बचे हुए जल को तुलसी के अग्रभाग में चढ़ा दें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. जी न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता.)
WATCH LIVE TV