जनरल बिपिन रावत बाल-बाल बच गए थे, जब 2015 में चीता ने दे दिया था धोखा
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जनरल बिपिन रावत बाल-बाल बच गए थे, जब 2015 में चीता ने दे दिया था धोखा

देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) को सशस्त्र बलों और सुरक्षा तंत्र के आधुनिकीकरण में अहम योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा. जनरल रावत का जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी जिले के एक सैन्य परिवार में हुआ.

जनरल बिपिन रावत

नई दिल्ली : देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) को सशस्त्र बलों और सुरक्षा तंत्र के आधुनिकीकरण में अहम योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा. जनरल रावत का जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी जिले के एक सैन्य परिवार में हुआ. वे 1978 में सेना में शामिल हुए थे.

जनरल बिपिन रावत को 31 दिसंबर 2019 को भारत का पहला सीडीएस नियुक्त किया गया था. इससे पहले 31 दिसंबर 2016 से 1 जनवरी 2017 तक भारत के 26वें थल सेना प्रमुख रहे.

चार दशक से लंबे सैन्य जीवन में जनरल रावत को परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल के अलावा और कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. 

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बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर जिले में सेना का हेलिकॉप्टर क्रैश होने से जनरल रावत और उनकी पत्नी मधूलिका समेत 13 लोगों की मौत हो गई. दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने में माहिर जनरल बिपिन रावत के लिए आज का दिन मनहूस साबित हुआ, लेकिन इससे पहले 2015 में उन्होंने ऐसे ही एक हेलिकॉप्टर हादसे में वह बाल-बाल बच गए थे. 

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उस वक्त बिपिन रावत लेफ्टिनेंट जनरल थे और नगालैंड के दिमापुर में मौजूद 3-कोर के हेडक्वॉर्टर के चीफ पद पर तैनात थे.3 फरवरी 2015 को वह अपने चीता हेलिकॉप्टर (Cheetah Helicopter) में सवार होकर निकले थे, लेकिन कुछ ऊंचाई पर जाते ही वह क्रैश हो गया था.

इस हादसे में उन्हें मामूली चोटें आई थीं. उस वक्त सेना ने अपने बयान में कहा था कि हेलिकॉप्टर जमीन से कुछ मीटर की ऊंचाई पर ही पहुंच पाया था. इस दौरान हेलिकॉप्टर में कुछ गड़बड़ी आ गई थी. इसके बाद वह नियंत्रण से बाहर हो गया था. 

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