हिमाचल प्रदेश के गांव मालणा के ग्रामीणों ने गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने से इंकार कर दिया है. उनका कहना है कि उनके देवता जमलू देवता जमादग्नि ऋषि नहीं चाहते थे उनके गांव को सड़क से जोड़ा जाए.
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मालणा गांव: हिमाचल प्रदेश के गांव मालणा (Malna Village) के लोग नहीं चाहते कि उनके गांव को सड़क सुविधा से जोड़ा जाए. ग्रामीणों की मानें तो यह उनके देवता जमलू देवता जमादग्नि ऋषि (Jamadagni Rishi) के आदेश के खिलाफ है. बता दें, 27 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश के गांव मालणा में आग लग गई थी, जिससे करीब 36 परिवार प्रभावित हुए थे. हादसे में 16 घर जलकर राख हो गए थे. ऐसे में हिमाचल सीएम जयराम ठाकुर इन प्रभावित परिवारों से मिलने के लिए यहां पहुंचे थे.
ग्रामीण नहीं बनवाना चाहते सड़क
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान उन्होंने 12 नवंबर 2021 को यहां सड़क बनाने के लिए 1 करोड़ रुपये की घोषणा की थी. इसके साथ ही ग्रामीणों से अपील की थी कि वह सड़क को बनाने में उनका सहयोग करें. सीएम ने कहा था कि गांव को छह महीने के भीतर ही सड़क से जोड़ दिया जाएगा, लेकिन ग्रामीणों ने गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने का विरोध करते हुए पीडब्ल्यूडी की टीम को जमीन देने से इंकार कर दिया है.
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ग्रामीण क्यों नहीं चाहते सड़क बनवाना
ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने अपने देवता के हर आदेश का पालन किया. उनके देवता कभी नहीं चाहते थे कि उनके गांव को सड़क से जोड़ा जाए, लेकिन अगर सरकार चाहे तो वह रोपवे बना सकती है. एक ग्रामीण ने बताया कि गांव में सड़क नहीं रोपवे बनाने की मांग की गई थी. उन्होंने सड़क बनाने से साफ इंकार कर दिया था. उन्होंने कहा कि देवता का फैसला ही उनके लिए सर्वोपरि है.
कानून नहीं देवता देते हैं सजा
उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के अपने कुछ नियम कानून हैं. उनके देवता द्वारा लिया गया कोई भी फैसला ही अंतिम माना जाता है. अगर कोई देवता के दिए आदेश का पालन नहीं करता तो उसे कानून नहीं बल्कि देवता जमलू सजा देते हैं. देवता के कार्यवाहक (देख भाल करने वाला) ब्रेस्टू राम ने कहा कि अगर गांव तक सड़क बन गई तो कोई भी उस गांव तक आसानी से पहुंच जाएगा जो उनके देवता को बिल्कुल पसंद नहीं था. उन्होंने कहा कि यहां सड़क नहीं बल्कि गांव से थोड़ी दूर तक रोपवे बनाया जाए.
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