क्रैम्पटन ने सुनवाई के दौरान कोर्ट में खुद को बेकसूर साबित करने की काफी कोशिशें कीं. उसने तरह-तरह की दलीलें दीं. उसने इतना तक कह दिया कि उसे कुछ याद नहीं है. लेकिन जब मामले की जांच की गई और सीसीटीवी फुटेज खंगाली गई तो सब साफ हो गया.
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चंडीगढ़ : 'हाउ टू किल योर हसबैंड' की लेखिका को अपने ही पति की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. लेखक नैन्सी क्रैम्पटन ब्रॉफी ने 'हाउ टू मर्डर योर हसबैंड' शीर्षक से एक लेख लिखा. इस लेख को लिखने के वर्षों बाद, नैन्सी ने अपने ही पति की गोली मारकर हत्या कर दी. ओरेगन के एक न्यायाधीश ने अब नैन्सी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
बता दें कि नैन्सी क्रॉम्पटन-ब्रॉफी को उसके पति की हत्या के संदेह में गिरफ्तार किया गया है. नैन्सी क्रॉम्पटन-ब्रोफी एक रोमांटिक उपन्यासकार हैं, जिन्होंने रोमांस और रहस्य पर कई किताबें लिखी हैं. उनकी कुछ पुस्तकों को Amazon पर बिक्री के लिए भी चुना गया था.
द ओरेगॉन के अनुसार, 2011 में उन्होंने "हाउ टू किल ए हस्बैंड" शीर्षक से 700 शब्दों का एक लेख लिखा था. बाद में उन्होंने उपन्यास लिखे. नैन्सी को सेकेंड-डिग्री हत्या का दोषी ठहराया गया था. जूरी ने पाया कि उसने अपने पति को 2018 में 1.5 मिलियन जीवन बीमा भुगतान के लिए गोली मार दी थी. नैन्सी नोवेल ने 'द रॉन्ग हसबैंड' और 'द रॉन्ग लवर' भी लिखी हैं.
मारने के कई तरीके बताए
एक ब्लॉग पोस्ट में, नैन्सी ने अपने पति को मारने के कई संभावित तरीकों का उल्लेख किया है. उन्होंने बंदूकें, चाकू, जहर जैसी विभिन्न विधियों के बारे में लिखा. "वास्तव में लोगों को मारने की तुलना में मृत्यु की कामना करना आसान है," क्रैम्पटन ने कहा.
पति की गोली मारकर हत्या
नैन्सी के पति, डेनियल ब्रोफी, ओरेगॉन इंस्टीट्यूट में शेफ और शिक्षक थे. उन्हें जून 2018 में संस्थान के किचन में दो बार गोली मारी गई थी. क्रैम्पटन ब्रॉफी को हत्या का दोषी ठहराया गया था. नैन्सी ने अपने पति की हत्या से कई साल पहले "हाउ टू किल अ हसबैंड" शीर्षक से एक लेख लिखा था. इस लेख ने बहुतों का ध्यान खींचा.