PM Ujjwala Yojana का बड़ा असरः 1 साल में 1.5 लाख लोगों की बची जान तो वायु प्रदूषण से मौतों में 13% की कमी, रिसर्च में हुआ खुलासा
Advertisement
Article Detail0/zeephh/zeephh1128167

PM Ujjwala Yojana का बड़ा असरः 1 साल में 1.5 लाख लोगों की बची जान तो वायु प्रदूषण से मौतों में 13% की कमी, रिसर्च में हुआ खुलासा

उज्जवला योजना के तहत साल 2019 में 1.5 लाख लोगों की जान बचाई जा चुकी है. इतना ही नहीं महिलाओं के स्वास्थ्य और हर घर तक गैस कनेक्शन (gas connection) पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने उज्जवा योजना 2.0 (Ujjawa Yojana 2.0) को लॉन्च किया था.

PM Ujjwala Yojana का बड़ा असरः 1 साल में 1.5 लाख लोगों की बची जान तो वायु प्रदूषण से मौतों में 13% की कमी, रिसर्च में हुआ खुलासा

PM Ujjwala Yojana: उज्जवला योजना के तहत साल 2019 में 1.5 लाख लोगों की जान बचाई जा चुकी है. इतना ही नहीं महिलाओं के स्वास्थ्य और हर घर तक गैस कनेक्शन (gas connection) पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने उज्जवा योजना 2.0 (Ujjawa Yojana 2.0) को लॉन्च किया था. वहीं सरकार की इस योजना के चलते LPG गैस के इस्तेमाल से 2019 में प्रदूषण से होने वाली मौतों में से 1.5 लाख लोगों की जान बचाई जा चुकी है.

इतना ही नहीं PM उज्जवला योजना के चलते उस साल में 1.8 मिलियन टन पीएम 2.5 उत्सर्जन में कटौती का आकलन किया गया है. बता दें कि पर्यावरण के क्षेत्र में पिछले काफी वक्त से काम कर रहे अजय नागपुरे, रितेश पाटीदार और वंदना त्यागी वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (WRI) इंडिया के लिए काम कर रहे हैं.

इन रिसर्चर्स का मानना है कि 'उज्ज्वला योजना के जितने लाभ बताए जा रहे हैं असल में ये उससे कहीं अधिक हो सकते हैं.' इस रिसर्च को लेकर अजय नागपुरे का कहना है कि 'घरेलू खाना पकाने से बायोमास जलाने से वायु प्रदूषण में 30-40 प्रतिशत का योगदान हो सकता है. यहां लाभ का अनुमान केवल साल 2019 के लिए लगाया गया है.'

उनका कहना है कि 'ऐसे ही लाभ बाद के सालों में भी हुए होंगे. हालांकि, इसका पूरा डेटा अभी तक हमारे पास नहीं है. मैं कहूंगा कि उज्ज्वला योजना एयर क्वालिटी में सुधार और वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने के लिए सबसे प्रभावी सरकारी योजना है.'

जानें, रिसर्च की मुख्य बातें

मिली जानकारी के मुताबिक नागपुरे ने अपनी पूरी टीम के साथ उज्जवला योजना की वजह से होने वाली मौतों में आई कमी का आकलन करने के लिए ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (Global Burden of Disease) स्टडी द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली कार्यप्रणाली को अपनाया, जिसमें यह दावा किया गया था कि 'वायु प्रदूषण दुनिया का चौथा सबसे बड़ा हत्यारा है, जिसके वजह से 2019 में लगभग 6.67 मिलियन मौतें हुई थी.'

इतना ही नहीं इस स्टडी में यह भी खुलासा हुआ था कि 'भारत में घरेलू वायु प्रदूषण के कारण ही 2019 में 6.1 लाख मौतें हुई थीं.' नागपुरे की टीम की रिसर्च की मानें तो बायोमास के माध्यमिक उपयोग ध्यान में रखा जाए तो 2019 में इनडोर वायु प्रदूषण से मौतें बढ़कर 10.2 लाख हो गईं और अगर उज्ज्वला योजना नहीं होती तो मरने वालों की संख्या 11.7 लाख तक हो सकती थी. उज्ज्वला योजना के चलते घरेलू वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों में लगभग 13% की कमी आई.

WATCH LIVE TV

कब शुरू हुई उज्ज्वला योजना

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना को 2016 में शुरू किया गया था. इस योजना के तहत देश के महिलाओं को खाना बनाने के पारंपरिक ईंधनों से मुक्ति दिलाना था. इस योजना के शुरूआती दिनों में 8 करोड़ नए LPG कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन, वक्त रहते सितंबर 2019 में इसे हासिल कर लिया गया.

रिसर्च के मुताबिक जनवरी तक इस योजना के तहत 9 करोड़ नए LPG कनेक्शन शुरू किए गए थे. अब देश के 28 करोड़ से अधिक घरों में से 99.8 प्रतिशत के पास LPG कनेक्शन है. 2015 में यह कनेक्शन 61.9 फीसदी तक ही थे. लेकिन, नागपुरे की रिसर्च में पाया गया है कि 2019 में केवल 65% परिवार प्राथमिक खाना बनाने के ईंधन के रूप में एलपीजी का उपयोग कर रहे थे. उनका कहना है कि उज्ज्वला योजना द्वारा प्रदान किए गए प्रोत्साहन के अभाव में, यह संख्या लगभग 47% होती, जिसके कारण राजस्थान, बिहार और उत्तर प्रदेश के गांवों में स्वास्थ्य की स्थितियों में 50% का सुधार आया है.

Trending news