Sarojini Naidu Birth Anniversary: जानें सरोजिनी नायडू की जयंती को महिला दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है ?
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Sarojini Naidu Birth Anniversary: जानें सरोजिनी नायडू की जयंती को महिला दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है ?

National Women's Day: सरोजिनी नायडू की 145वीं जयंती सिर्फ उनके जीवन और उपलब्धियों को मनाने का दिन नहीं है, बल्कि यह हमारे आसपास की सभी शक्तिशाली और प्रेरक महिलाओं का जश्न मनाने का भी दिन है. इस दिन को नायडू की जयंती के साथ-साथ राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में भी मनाया जाता है.

 

Sarojini Naidu Birth Anniversary: जानें सरोजिनी नायडू की जयंती को महिला दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है ?

Sarojini Naidu Birth Anniversary: सरोजिनी नायडू एक भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाली और महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने वाली महिला थीं. उनका जन्म 13 फरवरी, 1879 को हैदराबाद के एक बंगाली हिंदू परिवार में हुआ था. छोटी उम्र से ही उन्हें कविता और साहित्य में दिलचस्पी थी. उन्होंने अपनी शिक्षा भारत और इंग्लैंड के विभिन्न संस्थानों से पूरी की और अंत में उस समय की प्रमुख कवियों में से एक बनी.

सरोजिनी नायडू(Sarojini Naidu Birth Anniversary) को अन्य कवियों से अलग करने वाली बात यह है कि वह सामाजिक परिवर्तन के लिए अपने शब्दों को एक उपकरण के रूप में उपयोग करती थी. नायडू ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई थी और उन्होंने लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए लड़ने के लिए अपनी कविता का इस्तेमाल किया था. उनकी कविताएं खासतौर पर देशभक्ति, नारीवाद और सामाजिक न्याय के विषयों से भरी थीं.

सरोजिनी नायडू के भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित करने और नेतृत्व करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उन्होंने भारत में महिलाओं के कल्याण के लिए भी बहुत प्रयास किए थे.

महिला सशक्तिकरण की दिशा में उनके अथक प्रयासों और स्वतंत्रता की लड़ाई में उनकी भूमिका ने उन्हें 'द नाइटिंगेल ऑफ इंडिया' की उपाधि दी. उनके सशक्त शब्द देश भर के लोगों, विशेषकर महिलाओं, को प्रभावित करते थे, जिन्हें उनकी कविता से ताकत और प्रेरणा मिलती थी.

सरोजिनी नायडू 1925 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनने वाली पहली महिला बनी थी. यह उस समय की एक बड़ी उपलब्धि थी जब राजनीतिक क्षेत्र में महिलाओं की आवाज़ को अक्सर दबा दिया जाता था. सरोजिनी नायडू(Sarojini Naidu Birth Anniversary) ने अपने पद का उपयोग महिलाओं के अधिकारों की वकालत करने और लैंगिक समानता पर जोर देने के लिए किया.

सरोजिनी नायडू(Sarojini Naidu Birth Anniversary) का जीवन भारत और दुनिया भर की महिलाओं की पीढ़ियों को प्रेरित करता है. उनकी निडर भावना, दृढ़ संकल्प और असाधारण प्रतिभा ने उन्हें महिला सशक्तिकरण का प्रेरणादायक बना दिया है. उन्होंने सामाजिक मुद्दों को तोड़ा और महिलाओं की भावी पीढ़ियों के लिए आवाज उठाने और सुने जाने का मार्ग दिखाया.

इसलिए, यह उनकी जयंती का दिन राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह दिन केवल एक महिला के जीवन पर आधारित नहीं है बल्कि उन सभी महिलाओं को श्रद्धांजलि देने का दिन है जिन्होंने अपने अधिकारों और समानता के लिए लड़ाई लड़ी और आगे भी लड़ती रहेंगी.

राष्ट्रीय महिला दिवस का उत्सव विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है. यह दिन उनकी प्रतिभा दिखाने, अपनी कहानियां साझा करने और दूसरों की बाधाओं को तोड़ने और अपने सपनों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करने का एक अवसर प्रदान करता है.

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