असम के तेजपुर से ताल्लुक रखने वाली नाहिद आफरीन से जी सलाम ने खास बातचीत की है. उन्होंने अपनी गायकी, पढ़ाई और करियर के ताल्लुक से बहुत सारी बातें बताई हैं.
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असम/शरीफ उद्दीन: नाहिद आफरीन असमीज और हिंदी गानों की बेहतरीन सिंगर हैं. उन्होंने साल 2015 में इंडियन आइडियल में हिस्सा लिया. नाहिद का ताल्लुक असम के तेजपुर से है. अब वह बॉलीवुड में गाने गाती हैं. उन्होंने सोनाक्षी सिन्हा की फिल्म 'अकिरा' में गाना गाया है. नाहिद आफरीन अपने गानों से सामाजिक जीवन में घट रही घटना को भी दिखाती हैं. हाल ही में नाहिद आफरीन ने अपना एक गाना असम के एक शहीद पत्रकार पराग कुमार दास को समर्पित किया है.
नाहिद आफरीन के गाए हुए गानों की लोग तारीफें करते हैं. नाहिद आफरीन जो गाना शहीद पत्रकार को समर्पित किया है, उसके बारे में बताते हुए कहा कि "शहीद पत्रकार पराग कुमार दास एक जाने-माने और साहसी पत्रकार थे, जिन्होंने बहुत कम उम्र में ही अपनी जान गवां बैठे."
नाहिद के मुताबिक "शहीद पत्रकार ने अपने देश के लिए बहुत कुर्बानियां दी हैं, इसीलिए मैंने उनकी मोहब्बत में यह गाना गाया. इस गाने को हमारी टीम ने मिलकर तैयार किया है. गाने के बोल सपनों ज्योति थंगल के हैं. इस गाने को रूपम ने कंपोज किया है. हमारे असम की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी कॉटन यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट ने पूरी तरीके से हमें इस गाने में सपोर्ट किया है."
आफरीन ने बताया कि "इस वीडियो में मैंने एक्टिंग की है. मेरे साथ कॉटन यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट हैं. मैं यह गाना हमारे असम के शहीद पत्रकार को समर्पित कर बहुत खुशी महसूस कर रही हूं."
नाहिद आफरीन ने इंडियन आइडियल से अपने गाने का करियर शुरू किया है. वह इसका क्रेडिट अपने मां-बाप को देना चाहती हैं. उन्होंने अपने मां-बाप के सपोर्ट के लिए उनका शुक्रिया अदा किया है. नाहिद अपने परिवार के दूसरे लोगों को भी अपनी कामयाबी के लिए जिम्मेदार मानती हैं.
नाहिद आफरीन का कहना है कि "मैं अभी स्टडी कर रही हूं. मैं एक स्टूडेंट हूं. मैं कॉटन यूनिवर्सिटी से साइकोलॉजी डिपार्टमेंट में पढ़ाई कर रही हूं. मुझे अच्छा लगता है कि साइकोलॉजी और म्यूजिक की एक जुगलबंदी है. इसीलिए मैं पढ़ाई के साथ-साथ म्यूजिक की भी प्रैक्टिस कर रही हूं. मैं एक अच्छी गायिका ही बनना चाहती हूं. लेकिन साथ ही साथ मेरी पढ़ाई भी जारी रहेगी. इसीलिए मैंने साइकोलॉजि को ही अपना सब्जेक्ट चुना."
नाहिद ने कहा कि "मैं यही कहती हूं कि मैं गाने के साथ-साथ पढ़ाई को एक पैरलल तरीके से चला रही हूं. आने वाले दिनों में भी इसी तरह पढ़ाई के साथ संगीत को भी चलाती रहूंगी. एक कामयाब गायिका बनने का सपना पूरा करूंगी. अभी भी मैंने बहुत सी हिंदी फिल्मों में गाना गाया. साथ ही साथ मैंने कई असमीज गाने गाए हैं. मैं असमीज गाने में सामाजिक समस्याओं को दिखाना चाहती हूं. मैं चाहती हूं कि गानों को सुन कर सरकार हमारी परेशानियों को दूर करे. इसलिए मैंने शहीद पत्रकार को एक गाना समर्पित किया है. क्योंकि हमारे शहीद पत्रकार पराग कुमार दास के हत्यारों को अभी तक सजा नहीं मिली. अगर मेरा गाना देखकर लोगों को फिर से पराग कुमार दास की याद आ जाए और उनके हत्यारों को सजा मिले तो अच्छा होगा."