India Gate: 26 जनवरी को हर साल "गणतंत्र दिवस" के मौके पर कर्तव्य पथ पर परेड निकाली जाती है, जहां तीनों सेनाओं के कमांडर परेड निकालते हैं, लेकिन इससे पहले BJP नेता जमाल सिद्दीकी ने इंडिया गेट का नाम बदलकर 'भारत माता द्वार' करने की मांग की.
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Delhi News: देश में नाम का बदलने का सिलसिला अभी भी जारी है. बीते कुछ सालों में कई रेलवे स्टेशन, जिला और गांव के नाम बदले गए हैं. ये कोई नई बात नहीं है, लेकिन अब इंडिया गेट का नाम बदलने की मांग की है. ये मांग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अल्पसंख्यक मोर्चा के नेशनल प्रसिडेंट जमाल सिद्दीकी ने पीएम मोदी ( PM Narendra Modi ) से की है.
BJP नेता जमाल सिद्दीकी ( Jamal Siddiqui ) ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक लेटर लिखकर 'इंडिया गेट' का नाम बदलने की मांग की. उन्होंने पीएम मोदी से मांग करते हुए कहा कि दिल्ली स्थित इंडिया गेट का नाम बदलकर 'भारत माता द्वार' किया जाए. इंडिया गेट को 'भारत माता द्वार' करने से उस पिलर पर दर्ज हजारों शहीद देशभक्तों के नाम को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
पीएम मोदी को लिखे लेटर में सिद्दीकी ने क्या लिखा?
अल्पसंख्यक मोर्चा के नेशनल प्रसिडेंट सिद्दीकी ने पीएम मोदी को लेटर लिखकर कहा, "आपकी अगुआई में भारत के 140 करोड़ भारतीय भाई-बहनों के दिल में राष्ट्र प्रेम और भारतीय संस्कृति के प्रति प्यार में समर्पण की भावना बढ़ी है. जिस प्रकार से आपके कार्यकाल में मुगल आक्रांता और लुटेरे अंग्रेजों द्वारा दिए गए घाव को भरा गया है एवं गुलामी के दाग को धोया गया है, इससे पूरे भारत में खुशी है."
राजपथ का नाम बदलकर किया कर्तव्य पथ
उन्होंने आगे लिखा, "आपने क्रूर मुगल औरंगजेब के नाम पर बनी रोड का नाम बदलकर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रोड किया, इंडिया गेट पर लगे किंग जॉर्ज पंचम की मूर्ति हटाकर नेता जी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगाई और राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करके भारत की संस्कृति से जोड़ा है. उसी प्रकार से इंडिया गेट का नाम बदलकर 'भारत माता द्वार' करने की कृपा करें."
उन्होंने लिखा, "इंडिया गेट को 'भारत माता द्वार' करने से उस स्तंभ पर दर्ज हज़ारों शहीद देशभक्तों के नाम को सच्ची श्रद्धांजलि होगी. आपसे विनम्र अनुरोध है कि मेरे प्रस्ताव पर विचार कर नाम को 'भारत माता द्वार' करने की कृपा करें."
26 जनवरी की परेड
बता दें, हर साल 26 जनवरी को "गणतंत्र दिवस" के मौके पर कर्तव्य पथ पर परेड निकाली जाती है, जहां तीनों सेनाओं के कमांडर परेड निकालते हैं. इस दौरान देश के अलग-अलग राज्यों के सांस्कृतिक प्रोग्राम्स की अलग अलग प्रकार की झांकियां भी देखने को मिलती हैं.