कौन है वो मुस्लिम सर्जन, जिनका खुद को कर्ज़दार मानती है दुनिया की मॉडर्न सर्जरी
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कौन है वो मुस्लिम सर्जन, जिनका खुद को कर्ज़दार मानती है दुनिया की मॉडर्न सर्जरी

मेडिसिन से ताल्लुक रखने वाले लोग एक नाम अवेन्ज़ोअर (Avenzoar) को ज़रूर जानते होंगे, लेकिन शायद ही लोग अवेन्ज़ोअर के असली नाम को जानते होंगे. दरअसल, अवेन्ज़ोअर का असली नाम "इब्न ज़ुहर" था. जानिए "इब्न ज़ुहर" की पूरी कहानी

कौन है वो मुस्लिम सर्जन, जिनका खुद को कर्ज़दार मानती है दुनिया की मॉडर्न सर्जरी

इब्न जुहर को इस्लामी स्वर्ण युग का एक मशहूर चिकित्सक होने का फख्र हासिल है.  मेडिसिन की दुनिया से ताल्लुक रखने वाले लोग एक नाम से ज़रूर वाकिफ होते हैं, और वो नाम है अवेन्ज़ोअर (Avenzoar). लेकिन अवेन्ज़ोअर का असली नाम "इब्न ज़ुहर" (Ibn Zuhr) था. साल 1091 में स्पेन के आंदालुसिया इनका जन्म हुआ था. इब्न ज़ुहर के ताल्लुकात उस वक़्त के न्यायविदों, चिकित्सकों और विद्वानों के परिवार से था. इब्न ज़ुहर को उनके माडर्न सर्जरी में योगदान के लिए आज भी याद किया जाता है. 

कौन थे इब्न ज़ुहर
इब्न ज़ुहर का जन्म 1091 ईस्वी में सेविले में हुआ था, और उनका पैदाइश नाम अबू मारवान अब्द अल-मलिक रखा गया था. इब्न ज़ुहर ने अपनी परंपरा में पीछे के सभी चिकित्सकों को पछाड़ दिया और  इस्लामी दुनिया के सबसे महान चिकित्सकों में से एक बन गए. इब्न ज़ुहर ने कॉर्डोबा विश्वविद्यालय से अपना स्नातक किया जिसके बाद बगदाद और काहिरा में कुछ समय रहने के बाद, उन्होंने अपने पिता, अबुल-अला ज़ुहर के अधीन ही अपना चिकित्सा अभ्यास और ट्रेनिंग शुरू कर किया. उस युग के एक प्रमुख चिकित्सक होने के अलावा, अबुल-अला जुहर, अल्मोराविड्स के वज़ीर भी थे, जो उस समय सेविले के नियंत्रण में था. इब्न ज़ुहर बाद में अल्मोराविड्स  के चिकित्सक भी बने. इब्न ज़ुहर का मानना था की पैगंबर ने अपने हदीस में हर बिमारी का ईलाज़ बताया है बस चिकित्सकों का कम है उसे ढूंढना. 

इब्न ज़ुहर के कुछ प्रमुख काम 
इब्न ज़ुहर को चिकित्सा को अधिक तर्कसंगत बनाने पर जोर देने के लिए जाता है. इसके अलाव इब्न ज़ुहर को चिकित्सा के empirical आधार पर जोर देने के लिए जाना जाता है. विज्ञान के इतिहास पर लिखने वाले  उन्हें एक असाधारण चिकित्सक मानते हैं जिन्होंने मनुष्यों पर अपने चिकित्सा के नए तरीकों को लागू करने से पहले जानवरों पर प्रयोग किया था. इब्न ज़ुहर ने एक बकरी पर पहला प्रायोगिक ट्रेकियोटॉमी ऑपरेशन किया था.इसके दो शताब्दी के बाद, 13वीं शताब्दी के चिकित्सक इब्न अल-कफ और अल-बगदादी ने ट्रेकियोटॉमी प्रक्रिया को नियोजित करना शुरू किया. इस तरह ट्रेकियोटॉमी की शुरुआत और खोज इब्न जुहार ने की थी. जुहर ने अल्सरेटिंग फेफड़ों के रोगों के इलाज पर अपने क्लीनीकल रिसर्च के दौरान भेड़ों का पोस्टमॉर्टम भी किया. इब्न ज़ुहर ने सर्जनों के ट्रेनिंग पर जोर दिया और जोरदार ढंग से नीमहकीमो के खिलाफ खड़े हुए, जो उस समय काफी आम था.
इब्न जुहर ने ऑपरेशन का तरीका, ऑपरेशन के समय और बाद की सफाई पर किताब भी लिखा. उन्होंने कई बीमारियों और उनके उपचारों का उल्लेख करके शल्य चिकित्सा और चिकित्सा विज्ञान में सुधार किया.

इब्न ज़ुहर की सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली किताब
उनके सबसे अधिक पढ़े जाने वाले मेडिकल एनसाइक्लोपीडिया में से एक, अल-तासीर है. इसका अनुवाद लैटिन और हिब्रू दोनों भाषाओं में किया गया जिसका नाम 'अल्तेसीर स्किलिसेट रेजिमिनिस एट मेडेली' था.  16वीं शताब्दी तक इसे दस से अधिक बार प्रिंट किया गया. इसके बाद ये किताब चिकित्सा विश्वविद्यालयों में एक पाठ्यपुस्तक बन गई जो पश्चिमी चिकित्सा के विकास को प्रेरित और प्रभावित करती रही. ये किताब मध्य युग तक काफी लोकप्रिय भी रही. 
साल 1091 में जन्में इस महान चिकित्सक की  1162 में सेविले में मृत्यु हो गई.  उनकी मृत्यु के बाद, उन्हें 'गेट ऑफ विक्ट्री' नामक गेट के बाहर दफनाया गया था.

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