ग्रेटर नोएडा स्टेडियम से अफगान टीम का मोह भंग, सुविधाओं का निकला जनाजा; पहले दिन का खेल रद्द
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ग्रेटर नोएडा स्टेडियम से अफगान टीम का मोह भंग, सुविधाओं का निकला जनाजा; पहले दिन का खेल रद्द

AFG vs NZ: अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच खेले जाने वाला एकमात्र टेस्ट मैच का पहला दिन खराब सुविधाओं की वजह से बिना एक भी गेंद फेंके रद्द कर दिया गया. ग्रेटर नोएड का ये मैदान अफगानिस्तान का पहले भी घरेलू मैदान रहा है. हालांकि, इस मैदान पर 2017 के बाद एक भी मैच नहीं हुआ है.   

ग्रेटर नोएडा स्टेडियम से अफगान टीम का मोह भंग, सुविधाओं का निकला जनाजा; पहले दिन का खेल रद्द

AFG vs NZ: ग्रेटर नोएडा के शहीद विजय सिंह पथिक स्टेडियम में घटिया जल निकासी, गीली आउटफील्ड और दयनीय सुविधाओं की वजह से सोमवार को अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच ऐतिहासिक एकमात्र टेस्ट मैच का पहला दिन एक भी गेंद फेंके बिना रद्द कर दिया गया.  इससे पहले दोनों देशों के बीच पहले टेस्ट की तैयारी भी बारिश के कारण प्रभावित हुई थी. रविवार रात में हुई बूंदाबांदी के अलावा सोमवार को पूरे दिन बारिश नहीं हुई, लेकिन इसके बावजूद मैच को कैंसिल करना पड़ा.  क्योंकि आधुनिक सुविधाओं की कमी और अनुभवहीन मैदानकर्मियों को मैदान तैयार करने में संघर्ष करना पड़ा.

मैच को शुरू करने के लिए अंपायरों ने पूरे दिन में 6 बार मैदान और पिच का निरीक्षण किया. न्यूजीलैंड के कप्तान टिम साउदी, ऑलराउंडर मिचेल सेंटनर और रचिन रविंद्र समेत न्यूजीलैंड के कई खिलाड़ी भी मैदान का जायजा लेने आए. लेकिन मिड-ऑन और मिड विकेट खेलेन के लिए अच्छा नहीं लग रहा था, जबकि मैदान के 30 गज के घेरे के अंदर भी कई पैच दिखाई दे रहे थे. हालांकि, धूप निकलने के बाद एक बार तो लगा कि मैच शुरू हो सकता है लेकिन अंपायरों ने आखिर में माना कि इस तरह की पिच और मैदान पर आज मैच नहीं हो सकता है. 

ग्रुाउंड्स मैन से नाखुश हुए अफगानिस्तानी हेड कोच
अफगानिस्तान के हेड कोच जोनाथन ट्रॉट भी ग्रुाउंड्स मैन के संघर्ष से नाखुश दिखे. सुपर सोपर्स भी दोपहर 1 बजे के बाद ही लगाये गए. आखिरकार शाम 4 बजे पहला दिन का खेल रद्द कर दिया गया. अब कल सुबह नौ बजे टॉस का वक्त तय किया गया है और बचे हुए 4 दिन में 98 ओवर होंगे जो सुबह 10 बजे के बजाय अब सुबह 9.30 बजे खेले जाएंगे.

पिच सुखाने के लिए टेबल फैन का हुआ इस्तेमाल
इससे पहले ग्रुाउंड्स मैन  ने अफगानिस्तान के ट्रेनिंग सेशन के लिए मैदान को सुखाने के लिए टेबल फैन का इस्तेमाल किया था.   आधुनिक सुविधाओं की कमी मैदान के बाहर तक फैली हुई थी जिसकी वजह से इसका असर पिच पर भी पड़ा.

इस मैदान में कभी खेलने नहीं आएंगे; ACB 
वहीं, स्टेडियम के अंदर न तो मीडिया और नहीं फैंस के लिए उचित स्टैंड की व्यवस्था थी. इतना ही नहीं दर्शकों को ये भी पता नहीं चल रहा था कि आगे क्या होगा? क्योंकि  घोषणा करने के लिए कोई सुविधा नहीं थी. स्टेडियम अथॉरिटी और अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) के बीच खराब संचार और पूर्ण कुप्रबंधन साफ तौर पर दिखा. इस व्यवस्था को लेकर  एसीबी के एक अफसर ने कहा, "बहुत गड़बड़ी है, हम यहां कभी वापस नहीं आएंगे. खिलाड़ी भी यहां की सुविधाओं से नाखुश हैं.

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2107 के बाद यहां नहीं हुआ है कोई मैच 
बता दें, यह टेस्ट विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC)का हिस्सा नहीं है, लेकिन यह आईसीसी से संबद्ध है. वहीं, ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल डेवलेपमेंट अथॉरिटी  द्वारा चलाए जा रहे इस स्टेडियम ने साल 2016 में दलीप ट्रॉफी में गुलाबी गेंद की मेजबानी की थी. 

हालांकि, कॉरपोरेट मैचों के दौरान मैच फिक्सिंग की वजह से साल 2017 के सितंबर महीने में बीसीसीआई ने इस स्टेडियम को बैन कर दिया था.  तब से लेकर यहां बीसीसीआई से संबद्ध कोई भी मुकाबला नहीं खेला गया है. उल्लेखनीय है कि यह स्टेडियम पहले अफगानिस्तान के लिए घरेलू मैदान के रूप में काम कर चुका है. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि BCCI इस मामले को सुलझा पाते हैं या नहीं.

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