Mohammad Amaan: बीसीसीआई ने शनिवार, 31 अगस्त को मोहम्मद अमान को भारत की अंडर-19 वनडे क्रिकेट टीम की कमान सौंपी है. 19 साल के ये युवा खिलाड़ी अगले महीने पुडुचेरी में ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ टीम की अगुआई करेंगे. इस टीम में भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ के बेटे समित द्रविड़ भी शामिल हैं. आज हमने इस स्टोरी में मोहम्मद अमान के यहां तक की सफर और उनके संघर्षों के बारे में बताने की कोशिश की है. तो आइए जानते हैं...
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Mohammad Amaan journey: भारत में क्रिकेट की लोकप्रियता सबसे ज्यादा है, यही कारण है कि इस खेल को सबसे ज्यादा खेला जाता है. हर गली मोहल्ले में आपको छोटे-छोटे बच्चे क्रिकेट खेलते हुए दिख जाएंगे. इसी में कुछ बच्चों का सपना देश के लिए खेलने का होता है, लेकिन ब्लू जर्सी पहनने के लिए खिलाड़ियों को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. मौजूदा वक्त में टीम इंडिया में कई ऐसे स्टार्स खेल रहे हैं, जिनकी हमने संघर्ष की कहानियां सुनी हैं. लेकिन आज हम ऐसे खिलाड़ी की बात करेंगे जिसकी कहानी ने सभी को हिलाकर रख दिया है.
हम बात कर रहे हैं भारत की अंडर-19 टीम के नए कप्तान मोहम्मद अमान की. उनके लिए यहां तक का सफर बिल्कुल भी आसान नहीं रहा है. लेकिन उन्होंने सभी चुनौतियों का सामना करते हुए भारत की अंडर-19 टीम की कमान संभाल ली है.
कौन हैं अंडर-19 के कप्तान मोहम्मद अमान? ( Who is Mohammad Amaan )
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में जन्में मोहम्मद अमान बेहतकरीन बल्लेबाज के साथ निमित तेज गेंदबाज भी हैं. 18 साल के अमान कप्तानी की जिम्मेदारी संभालने से पहले नवंबर 2023 में एशिया कप में अंडर-19 टीम का हिस्सा रह चुके हैं.
16 साल की उम्र में हो गए थे अनाथ
इस चमकते हुए खिलाड़ी के सिर से मां का साया साल 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान ही उठ गया था. वहीं, इसके दो साल बाद साल 2022 में उनके अब्बू (पिता ) ने भी इस दुनिया को अलविदा कह दिया. इस तरह से दो ही साल में अमान के सर से मां सायबा और पिता ट्रक ड्राइवर महताब का साया उठ गया.
16 साल की उम्र में अमान अनाथ हो गए और उसके ऊपर अपने तीन छोटे भाई-बहनों की जिम्मेदारी भी आ गई. उन्होंने ऐसे हालातों में भी हार नहीं माना और अपने खेल को जारी रखते हुए अपने भाई बहनों की परवरिश की. आखिर अब उन्हें इस कड़ी मेहनत का इनाम भी मिल गया.
अमान ने भूखे पेट बिताई कई रातें
भारतीय कप्तान मोहम्मद अमान ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, "जिस दिन मैंने अपने अब्बू को खोया, ऐसा लगा मानो मैं अचानक एक दिन में ही बड़ा हो गया. मुझे अपनी छोटी बहन और दो भाईयों की जिम्मेदारी संभालनी भी थी, पिता के जाने के बाद मैं परिवार का मुखिया था. इस हादसे के बाद मैंने अपने आप से कहा क्रिकेट छोड़ देना चाहिए. सहारनपुर में परिवार चलाने के लिए नौकरी भी तलाश की लेकिन कोई काम नहीं मिला. ऐसे में कुछ लोग मदद के लिए आगे आए जिससे कि मैं अपना खेल जारी रख सका."
मोहम्मद अमान ने ये भी बताया कि कई बार ऐसा हुआ उसे भूखे पेट सोना पड़ता था. उन्होंने भूखे पेट सोने के बारे में बता करते हुए कहा, "इस दुनिया में भूख से बड़ा कुछ नहीं है. मैंने अपना खाना कभी बर्बाद नहीं किया, क्योंकि मुझे पता है कि इसे कमाना कितना मुश्किल है. जब कानपुर में यूपीसीए (Uttar Pradesh Cricket Associtaion ) के ट्रायल में होते थे, तो मैं ट्रेन के जनरल डिब्बे में सफर करता था, टॉयलेट के पास बैठता था. लेकिन अब, जब मैं फ्लाइट से सफर करता हूं और किसी अच्छे होटल में ठहरता हूं, तो मैं बस अल्लाह का शुक्रिया अदा करता हूं."
अमान टीम के लिए कई मैचों में बने संकट मोचक
करीब 8 साल पेशेवर क्रिकेट करियर में अमान उत्तर प्रदेश के कई घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट में हिस्सा ले चुके हैं. उन्होंने साल 2016-17 में अंडर-14 में बतौर ऑलराउंडर क्रिकेट डेब्यू किया, इसके बाद साल 2017-18 में अंडर-14 और साल 2018-19 में अंडर-16, इसके बाद फिर से साल 2019-20 में-अंडर 16 टूर्नामेंट में खेल चुके हैं.
लेकिन साल 2022-23 में उनके करियर का सबसे बेहतरीन पल था. उन्होंने अंडर-19 क्रिकेट श्रेणी पदार्पण किया. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.वो लगातार इसके बाद घरेलू टूर्नामेंट में बल्ले और गेंद दोनों से प्रदर्शन किया.
अमान ने वीनू मांकड ट्रॉफी पिछले सीजन में यूपी अंडर-19 टीम के लिए सबसे ज्यादा रन बनाए थे, उन्होंने आठ पारियों में 363 रन बनाए थे, जिसमें उनके बल्ले से चार अर्धशतक भी निकले थे. इसके हबाद उन्होंने अंडर-19 चैलेंजर सीरीज में 98 की औसत से 294 रन बनाकर दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी बने थे. इसके अलावा वह साल 2023 में उत्तर प्रदेश की अंडर-19 टीम की कमान भी संभाल चुके हैं.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की ODI अंडर-19 टीम:
मोहम्मद अमान (कप्तान), रुद्र पटेल, किरण चोरमले, कार्तिकेय केपी, अभिज्ञान कुंडू (विकेटकीपर), साहिल पारख, हरवंश सिंह पंगालिया (विकेटकीपर), युद्धज गुहा, समित द्रविड़, समर्थ एन, निखिल कुमार, मोहम्मद एनान, चेतन शर्मा, रोहित राज अवत, हार्दिक राज.