इन मैचों में सचिन को लगी गंभीर चोटें, क्रिकेटर ने हर बार की जबरदस्त वापसी
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इन मैचों में सचिन को लगी गंभीर चोटें, क्रिकेटर ने हर बार की जबरदस्त वापसी

Sachin Tendulkar Birthday Special:  सचिन तेंदुल्कर का 24 अप्रैल को जन्मदिन है. ऐसे में सचिन ने बताया है कि उन्होंने किस तरह चोटों को मात देकर वह आगे बढ़ते गए.

इन मैचों में सचिन को लगी गंभीर चोटें, क्रिकेटर ने हर बार की जबरदस्त वापसी

Sachin Tendulkar Birthday Special: दो दशक से अधिक समय के अपने शानदार करियर के दौरान सचिन तेंदुलकर ने कई चोटें देखीं और तब लगा कि उनका करियर समाप्त हो जाएगा लेकिन सचिन ने हर बार शानदार वापसी की, अपने प्रशंसकों का दिल जीता और आलोचकों को शांत कर दिया.  प्रोफेशनल स्पोर्ट्स में ऐसा कोई एथलीट नहीं होगा जिसका शरीर सही सलामत रहा हो और वैसे ही काम करता हो जैसा पहले करता था.

दर्द और चोटों को सचिन ने दिया मात

शीर्ष एथलीटों की तरह सचिन को वर्षों में दर्द और चोटों से गुजरना पड़ा और उनकी चोट लिस्ट क्रिकेट हलकों में चर्चा का विषय बन गयी थी. लेकिन मास्टर ब्लास्टर ने हर चोट के बाद प्रेरणादायक वापसी की. सचिन की चोटों का रिकॉर्ड रखना एक मुश्किल काम है. इसकी शुरूआत 1999 में हुई. उस वर्ष मार्च-अप्रैल में पीठ की चोट के कारण उन्हें पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ घरेलू त्रिकोणीय सीरीज से हटाना पड़ा. उसके बाद उन्हें शारजाह में पाकिस्तान और इंग्लैंड के खिलाफ त्रिकोणीय सीरीज से हटना पड़ा.

अंगूठे और जांघ में लगी चोट

2001 में सचिन को अंगूठे की चोट के कारण न्यूजीलैंड और श्रीलंका के खिलाफ त्रिकोणीय सीरीज से बाहर बैठना पड़ा. 2002 में जांघ की चोट के कारण उन्हें जिम्बाब्वे के खिलाफ वनडे सीरीज से बाहर होना पड़ा. उसी वर्ष हैमस्ट्रिंग चोट के कारण वह घर में वेस्ट इंडीज के खिलाफ खेलने से भी बाहर रहे. 

एल्बो में लगी बुरी चोट

इस दौरान क्रिकेटर को टखने और उंगलियों की चोटें भी लगीं लेकिन वे उतनी गंभीर नहीं थीं जितनी 2004-05 में टेनिस एल्बो की चोट थी. सचिन के मामले में स्थिति इतनी खराब थी कि उन्हें क्रिकेट बल्ला उठाने में भी परेशानी होने लगी. 
सचिन ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, "टेनिस एल्बो काफी बुरी चोट थी. मैंने हर कोशिश की, इंजेक्शन लिए लेकिन कुछ भी काम नहीं किया. मेरे सभी फिजियो दोस्तों और डाक्टरों ने कोशिश की लेकिन मैदान पर लौटने के लिए कुछ चीजों को करने की जरूरत थी."

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लंदन में कराई सर्जरी

अगस्त 2004 में सचिन को इस चोट का पता चला जिसके कारण वह दो महीने तक मैदान से बाहर रहे. वह अक्टूबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के मध्य में लौटे और मई 2005 तक खेले, जिसके बाद चोट फिर उभर आई.
सचिन ने लंदन में सर्जरी कराई और सफल रिहैब के बाद श्रीलंका के खिलाफ अक्टूबर में जबरदस्त वापसी की. हालांकि सर्जरी और उनके पहले क्रिकेट मैच के बीच पांच महीने का अंतराल था जो मास्टर ब्लास्टर के लिए काफी मुश्किल रहा था.

अच्छी चीजों पर ध्यान केंद्रित किया

उन्होंने कहा, "मैं सर्जरी के बाद क्रिकेट बल्ला नहीं उठा पा रहा था. मैं काफी हताश था मैं अपने दोस्तों को देर रात दो बजे, चार बजे फोन करता कि आओ ड्राइव के लिए चलें क्योंकि मैं सो नहीं पा रहा हूं. और वे मुझसे जुड़ जाते थे। घर पर अंजलि मुझे बराबर बोलती थी कि मेरे जीवन में जो अच्छी चीजें हुई हैं उन पर ध्यान केंद्रित करो."

हालांकि सचिन ने कई चोटों का सामना किया था लेकिन टेनिस एल्बो ने उन्हें सोचने के लिए मजबूर किया कि उनका करियर समाप्त हो गया है. उन्होंने फिर शानदार वापसी की और श्रीलंका के खिलाफ 93 रन बनाकर भारत को 350/6 तक पहुंचाया. इस पारी से उन्हें आत्मविश्वास मिला.

मैदान पर खत्म हो करियर

सचिन ने कहा, "मुझे लगा कि मेरा करियर समाप्त हो गया. मैंने भगवान से प्रार्थना की कि मेरा करियर ऐसे मत समाप्त करो. मुझे मैदान पर फिर लौटने दो. मुझे याद है कि 4-5 महीने बाद हमने नागपुर में श्रीलंका के खिलाफ वनडे मैच खेला. मैं उस अनुभूति को कभी नहीं भूल सकता. मैंने इस क्षण के लिए आसमान की तरफ देखा और ईश्वर को धन्यवाद दिया. यही मैं चाहता था."
इस मुश्किल दौर के बाद सचिन को कई अन्य चोटें लगीं , इंटरनेशनल क्रिकेट और इंडियन प्रीमियर लीग दोनों में, लेकिन हर बार उन्होंने वापसी की.

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