राष्ट्रगान नहीं गाने पर मुस्लिम शख्स की हुई थी मॉब लिंचिंग; कोर्ट ने उठाया ये सख्त कदम
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राष्ट्रगान नहीं गाने पर मुस्लिम शख्स की हुई थी मॉब लिंचिंग; कोर्ट ने उठाया ये सख्त कदम

Delhi High Court on Muslim Man: साल 2020 में दिल्ली में साम्प्रदायिक दंगे हुए थे. इसी दौरान फैजान नाम के मुस्लिम शख्स को पीट-पीट कर जबरदस्ती राष्ट्रगान गवाया गया. उसके बाद शख्स की मौत हो गई. अब इस मामले को हाई कोर्ट ने सीबीआई को सौंप दिया है.

राष्ट्रगान नहीं गाने पर मुस्लिम शख्स की हुई थी मॉब लिंचिंग; कोर्ट ने उठाया ये सख्त कदम

Delhi High Court on Muslim Man: दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को 23 साल के एक युवक की मौत के मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दिया है. फैजान नाम के मुस्लिम शख्स को साल 2020 में दिल्ली के उत्तर पूर्वी हिस्से में हुए दंगों के दौरान कथित तौर पर पीटा गया और राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर किया गया था. इस मामले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर वायरल हुआ था. सोशल मीडिया पर प्रसारित इस वीडियो में पुलिस कर्मियों की तरफ से फैजान को चार दूसरे मुस्लिम पुरुषों के साथ कथित तौर पर राष्ट्रगान और "वंदे मातरम" गाने के लिए मजबूर करते हुए और पीटते हुए देखा जा सकता है.

याचिका पर लिया संज्ञान
दिल्ली हाई कोर्ट के जज अनूप जयराम भंभानी ने फैजान की मां की तरफ से खास जांच दल (SIT) से जांच कराने के लिए दायर याचिका पर कहा, "मैं याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हूं. मैं मामले को CBI को सौंप रहा हूं." फैजान की मां किस्मतुन ने साल 2020 में दाखिल अर्जी में इल्जाम लगाया है कि पुलिस ने उनके बेटे के साथ मारपीट की और उसे अवैध रूप से हिरासत में रखा. इसके अलावा पुलिस ने उनके बेटे को जब उसे बहुत जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत थी तो उसे वंचित किया गया. इसकी वजह से रिहाई के बाद उसी साल 26 फरवरी को उसकी मौत हो गई.

दिल्ली में हुए थे दंगे
संशोधित नागरिकता कानून समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा नियंत्रण से बाहर होने के बाद 24 फरवरी, 2020 को उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे. इन दंगों में कम से कम 53 लोग मारे गए और लगभग 700 दूसरे घायल हो गए. पुलिस ने 2022 में सीलबंद लिफाफे में अदालत में दाखिल स्थिति रिपोर्ट में कहा था कि दोषी पुलिस कर्मियों की पहचान करने की प्रक्रिया जारी है. मार्च में, पुलिस ने अदालत को बताया था कि वह गुजरात में राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) से कुछ वीडियो फुटेज के विश्लेषण का इंतजार कर रही है.

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