दिल्ली वक्फ बोर्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तीन मुल्जिमों की जमानत याचिका खारिज; जानें पूरा मामला
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दिल्ली वक्फ बोर्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तीन मुल्जिमों की जमानत याचिका खारिज; जानें पूरा मामला

Delhi Waqf Board money laundering case: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 22 जनवरी को दिल्ली वक्फ बोर्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तीन मुल्जिमों की जमानत याचिका खारिज कर दी. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें. 

दिल्ली वक्फ बोर्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तीन मुल्जिमों की जमानत याचिका खारिज; जानें पूरा मामला

Delhi Waqf Board money laundering case: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 22 जनवरी को दिल्ली वक्फ बोर्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तीन मुल्जिमों की जमानत याचिका खारिज कर दी. यह मामला ओखला इलाके में 36 करोड़ रुपये की संपत्ति खरीदने से जुड़ा है. ईडी का इल्जाम है कि आरोपी कौसर इमाम सिद्दीकी से बरामद डायरियों की सामग्री सही है और दागी संपत्ति के लिए कुल लेनदेन 36 करोड़ रुपये का है, जिसमें अमानतुल्ला खान के जरिए कथित तौर पर अर्जित 27 करोड़ रुपये की अपराध आय भी शामिल है. 

कोर्ट ने माना कि यह मानने की कोई वजह नहीं है कि आरोपी व्यक्ति मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के दोषी नहीं हैं. विशेष न्यायाधीश राकेश सयाल ने मामले के तथ्यों और रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री पर विचार करने के बाद गुरुवार को जीशान हैदर, दाउद नासिर और जावेद इमाम सिद्दीकी की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा, "यह मानने का कोई उचित आधार नहीं है कि आवेदक अधिनियम के तहत अपराध के दोषी नहीं हैं या जमानत पर रहते हुए उनके कोई अपराध करने की संभावना नहीं है. इसलिए, सभी तीन जमानत याचिकाएं खारिज कर दी जाती है."

कोर्ट ने माना दोषी
कोर्ट ने माना कि ईडी के लिए एसपीपी के इस तर्क में भी दम है कि मुल्जिम शख्स रुपये की बिक्री प्रतिफल की राशि में अंतर को समझाने में सक्षम नहीं हैं. 13,40,00,000, जैसा कि 17 सितंबर, 2021 को बिक्री के लिए समझौते में उल्लिखित है, और बिक्री पर विचार की राशि 36 करोड़ रुपये है, जैसा कि उसी संपत्ति (प्लॉट) के संबंध में बिक्री और खरीद के लिए अग्रिम रसीद सह समझौते में उल्लिखित है. लगभग मापना 1200 वर्ग गज, जैदी विला, टी.टी.आई. (ओखला) पर मौजूद है. 

ACB ने दर्ज किया था मुकदमा
अदालत ने कहा, "वे धन के स्रोत की व्याख्या करने में सक्षम नहीं हैं, जिसमें से उक्त संपत्तियों के लिए आरोपी जीशान हैदर और दाउद नासिर के जरिए भुगतान किया गया था या उक्त संपत्तियों के संबंध में बड़े नकद लेनदेन हुए थे. कोर्ट ने यह भी कहा कि पुलिस स्टेशन एसीबी में दर्ज एफआईआर के तहत घातीय अपराधों की जांच लंबित है.

कोर्ट ने क्या कहा?
अदालत ने यह भी कहा कि रिकॉर्ड पर लाई गई सामग्री से ऐसा मालूम होता है कि मुल्जिम कौसर के परिसर से बरामद डायरी की प्रविष्टियाँ. इमाम सिद्दीकी, तिकोना पार्क, जामिया नगर में भूखंड की बिक्री से संबंधित, जावेद इमाम सिद्दीकी, आयशा क़मर, आदि के बैंक खाते के बयानों से भी तस्दीक की गई है, रुपये के विचार के लिए संपत्ति की बिक्री के लिए समझौता. आरोपी जीशान हैदर के मोबाइल फोन से बरामद 36 करोड़ रुपये और विभिन्न आरोपी व्यक्तियों के अधिनियम की धारा 50 के तहत बयान दर्ज किया गया था. अदालत ने कहा, "इस तरह से आरोपी व्यक्तियों का यह तर्क कि आरोपी कौसर इमाम सिद्दीकी के कब्जे से जब्त की गई डायरी में प्रविष्टियां आवेदकों के खिलाफ नहीं पढ़ी जा सकतीं, मान्य नहीं है."

ED ने लगाया ये बड़ा इल्जाम
वहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का प्रतिनिधित्व विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) मनीष जैन ने अधिवक्ता इशान बैसला और स्नेहल शारदा के साथ किया. ईडी का इल्जाम है कि अधिनियम की धारा 50 के तहत अपने बयान में आरोपी कौसर इमाम सिद्दीकी ने अमानतुल्ला खान को जानने और खर्चों का प्रबंधन करने, रैलियां आयोजित करने, गाड़ियों व्यवस्था करने और अमानतुल्ला खान और उनके सहयोगियों के निर्देश पर दूसरे काम करने की बात कही.

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