भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा प्रोग्राम में शामिल हुए इमाम, फतवा जारी होने पर दिया रिएक्शन
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भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा प्रोग्राम में शामिल हुए इमाम, फतवा जारी होने पर दिया रिएक्शन

Ram Mandir News: एक इमाम राम मंदिर में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा प्रोग्राम में पहुंचे थे. इसलिए उनके खिलाफ फतवा जारी किया गया है. इस फतवे में इमाम से माफी मांगने के लिए कहा गया है. लेकिन इमाम ने इससे मना कर दिया है.

भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा प्रोग्राम में शामिल हुए इमाम, फतवा जारी होने पर दिया रिएक्शन

Ram Mandir News: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में मौजूद राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे एक इमाम के खिलाफ फतवा जारी किया गया है. आल इंडिया इमाम आर्गेनाइजेशन (AIIO) के अहम इमाम उमर अहमद इलियासी ने सोमवार को कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में राममंदिर में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा प्रोग्राम में भाग लेने के लिए उनके खिलाफ एक 'फतवा' जारी किया गया. इमाम उमर अहमद इलियासी ने कहा कि घटना के दिन से, उन्हें लोगों के एक वर्ग की तरफ से दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है और 'फोन पर धमकियां' भी मिल रही हैं.

प्राण प्रतिष्ठा में पहुंचे इमाम
यह प्रोग्राम 22 जनवरी को आयोजित हुआ था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिस्सा लिया था. इस प्रोग्राम में दीगर वर्गों और क्षेत्रों से 7,000 से ज्यादा आमंत्रित अतिथि शामिल हुए थे. इलियासी ने कहा कि फतवा उन्हें 'सोशल मीडिया पर' एक शख्स की तरफ से जारी किया गया और उसमें उनके मोबाइल फोन नंबर का उल्लेख किया गया था और उसे सभी इमामों और मस्जिद प्राधिकारियों को भेजा गया था और उनसे 'मेरा बॉयकॉट' करने के लिए कहा गया. उन्होंने कहा कि फतवे में 'मुझसे माफी मांगने' और 'अपने पद से इस्तीफा देने' के लिए भी कहा गया है.

क्यों जारी हुआ फतवा?
इमाम ने कहा, "उन्होंने किस बात से प्रेरित होकर फतवा जारी किया, यह तो वे ही जानते हैं... राम जन्मभूमि (मंदिर) ट्रस्ट ने मुझे एक बुलावा भेजा था, जिसे मैंने कुबूल कर लिया." इमाम ने कहा, "इसके बाद दो दिनों तक मैं सोचता रहा कि मुझे क्या फैसला लेना चाहिए, क्योंकि यह मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा फैसला था. लेकिन फिर मैंने सांप्रदायिक सौहार्द के लिए, देश के लिए और राष्ट्रहित में सोचा इसके बाद यह फैसला लिया और अयोध्या गया." इमाम ने कहा कि अयोध्यावासियों ने उनका इस्तेकबाल किया. उन्होंने कहा, "मेरा मकसद 'पैगाम-ए-मोहब्बत' देना था, जो मैंने वहां पहुंचाया." इमाम ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है, इसलिए माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता.

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