मदरसों में बदले तालीम का निजाम, इन सब्जेक्ट पर भी करें फोकस: मुस्लिम बॉडी की हिदायत
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मदरसों में बदले तालीम का निजाम, इन सब्जेक्ट पर भी करें फोकस: मुस्लिम बॉडी की हिदायत

Madarsa Education: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि मदरसों में नई तालीम दी जानी चाहिए ताकि बच्चे अपना रोजगार भी कर सकें. मदरसों के बंद होने के सवाल पर कहा गया कि यह मामला अभी कानूनी टीम देख रही है.

मदरसों में बदले तालीम का निजाम, इन सब्जेक्ट पर भी करें फोकस: मुस्लिम बॉडी की हिदायत

Madarsa Education: देश भर के मदरसों में शिक्षा को लेकर हंकामा हो रहा है. असम में कई मदरसे बंद कर दिए गए, तो वहीं खबरें आईं कि उत्तराखंड में गैरकानूनी मदरसे चलाए जा रहे हैं, ऐसे में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के महासचिव मौलाना फजल रहीम मुज्जदी ने कहा है कि मदसों की तालीम में तब्दीली होनी चाहिए.

मार्डन विषय पढ़ें बच्चे
मौलाना फजल रहीम मुज्जदी ने कहा कि मदरसों में जो तालीम दी जाती है, उसे समय के साथ-साथ अपडेट करते रहना चाहिए. आज की तारीख में मदरसों के लिए यह बहुत बड़ा चैलेंज है कि यहां पर मॉडर्न विषय नहीं पढ़ाए जाते. उन्होंने कहा कि हम यह चाहते हैं कि मदरसों से निकलने वाले जो बच्चे हैं, वो मौजूदा हालात को समझें और मॉर्डन विषय भी पढ़ें और उनको एक मुकाम हासिल हो.

मदरसों में पाठ्यक्रम
सेंटर फॉर प्रमोशन ऑफ साइंस अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में मदरसों के लिए आदर्श पाठ्यक्रम और राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. इस सेमिनार में दो दर्जन से अधिक मुस्लिम धर्म गुरुओं ने हिस्सा लिया. दो दिन तक चलने वाले इस सेमिनार में देशभर से मशहूर विचारक शामिल हो रहे हैं. दो दिन तक चलने वाले सेमिनार में मदरसों की शिक्षा प्रणाली और समसामयिक आवश्यकताएं, मदरसों की स्थापना और कानूनी सुरक्षा, सरकारी योजनाएं और तकनीकी कौशल के मौके, शिक्षा की व्यापक प्रणाली पर चर्चा होगी.

बंद हो जाएंगे मदरसे
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के महासचिव मौलाना फजल रहीम मुज्जदी ने मदरसों को बंद करने के एक सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि हमारी एक कानूनी टीम है, जो अपना काम कर रही है, मदरसों में बच्चों को तालीम देने का अधिकार हमें संविधान में मिला हुआ है. लोकसभा में वक्फ एक्ट संशोधन बिल 2024 पेश किया गया है. जेपीसी में इसे भेज दिया गया है. 

बिल का विरोध हुआ है
इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पहली कामयाबी यह है कि मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने इसे देखा. दूसरी बात यह है कि विपक्षी सांसद ने बिल का विरोध किया है कि हमारे मामलों में किसी भी तरह से दखल नहीं होना चाहिए. जेपीसी में बिल को भेजा गया है. वहां 31 सदस्य हैं, 21 लोकसभा से और 10 राज्यसभा से. इन सांसदों के सामने अपनी बात रखेंगे.

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